सऊदी अरब से भारत की हो सकती है बड़ी डील, जानिए क्या?

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सऊदी अरब के वरिष्ठ मंत्रियों ने मंगलवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और ऊर्जा, श्रम, कृषि, जल प्रौद्योगिकियों से संबंधित मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि के तरीकों को लेकर चर्चा की।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान, श्रम एवं सामाजिक विकास मंत्री अहमद बिन सुलेमान अलराज़ी और पर्यावरण, जल एवं कृषि मंत्री अब्दुलरहमान बिन अब्दुलमोहसिन अल-फजली आदि मंत्रियों ने सऊदी राजधानी में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि सऊदी ऊर्जा मंत्री की प्रधानमंत्री के साथ सार्थक बैठक रही और दोनों नेताओं ने ‘‘दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग में सुधार के प्रयासों के बारे में चर्चा की।’’

यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देशों ने महाराष्‍ट्र के रायगढ़ में महत्वाकांक्षी पश्चिमी तट रिफाइनरी परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसमें सऊदी तेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अरामको, यूएई की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां निवेश करेंगी।

रत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और वह अपनी तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है। इराक के बाद सऊदी अरब इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

उसने वित्त वर्ष 2018-19 में भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा जबकि भारत ने 20.73 करोड़ टन तेल का आयात किया था। भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और अमेरिका तथा चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। भारत हर महीने सऊदी अरब से करीब 2,00,000 टन एलपीजी खरीदता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘एक सतत भविष्य के लिए तालमेल को लेकर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के पर्यावरण, जल एवं कृषि मंत्री अब्दुलरहमान बिन अब्दुलमोहसिन अल-फजली के साथ व्यापक बैठक की।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और जल प्रौद्योगिकियों में सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने के लिए पर्यावरण, जल एवं कृषि मंत्री के साथ ‘‘उपयोगी चर्चा’’ की।