आज राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर बहस पर जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत कभी भी मुस्लिम-मुक्त ’(मुसलमानों से मुक्त) नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आज “ जावेद अली खान (समाजवादी पार्टी के नेता) ने कहा कि हम हिंदुस्तान में मुस्लिम-मुक्त’ बन जाएंगे। जावेद अली साहब, यह देश मुसलमानों से मुक्त नहीं होगा, भले ही आप यह चाहते हों, ” कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल के एक बयान का जवाब देते हुए, शाह ने कहा कि मुसलमानों को बिल से डरना नहीं चाहिए क्योंकि यह उनकी नागरिकता को नहीं छीनता है।
बता दे आज राज्यसभा में हुई बहस में समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 मोहम्मद अली जिन्ना के सपने को सच करने जा रहा है, जो चाहते थे कि भारत मुसलमान मुक्त हो जाए और पाकिस्तान हिंदू मुक्त.उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार को इंटेलिजेंस एजेंसीज़ की कोई रिपोर्ट मिली है जो कहती है कि अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर प्रताड़ना होनी बंद हो गई है.
जावेद अली खान ने मांग की थी कि भारत में आने की समय सीमा को ओपन एंडेड रखा जाए और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की जगह नेबरिंग कंट्री लिखा जाए और धर्म विशेष का नाम लेने की बजाय रिलीजियस मायनॉरिटी लिखा जाए. क्योंकि नया बिल जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बारे में यह कहता है कि उन धर्म शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं तो हमारे भारत अगर धर्म शासित देश बना तो यहां भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होगें.
यह नागरिकता संशोधन बिल अगला सवाल यह खड़ा करता है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में शरण चाहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए क्या धर्म परिवर्तन के ज़रिए भारतीयता नागरिकता पाने के रास्ते खुलने जा रहे है या भारत आकर अगर कोई शरणार्थी धर्म परिवर्तन करता है तो उसके लिए नागरिकता के क्या पैमाने होंगे? अभी तक मिली बिल की डिटेल्स के अनुसार इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.