बेरोजगारी दर बढ़कर 23.4 फीसद पर पहुची !

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नौकरियों के आंकड़ों का पूर्वानुमान इस बात की ओर संकेत देता है कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पर तो बड़ी चोट पहुंचेगी ही, बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ जाएगी।

 

 

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, कोरोना वायरस प्रकोप के चलते शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 30.9 फीसद हो गई है और कुल बेरोजगारी दर बढ़कर 23.4 फीसद पर पहुंच गई है।

 

 

 

यह आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के साप्ताहिक ट्रेकर सर्वे पर आधारित हैं।

 

 

 

पांच अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के ताजा आंकड़े सोमवार शाम को जारी हुए हैं। सीएमआईई का अनुमान है कि बेरोजगारी दर मार्च महीने के मध्य के 8.4 फीसद से बढ़कर 23 फीसद हो गई है।

 

 

 

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई के आंकड़े के अनुसार, शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 15 मार्च 2020 को 8.21 फीसद थी। यह 22 मार्च 2020 को 8.66 फीसद पर आई। फिर 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद इसमें जबरदस्त तेजी आई।

 

 

 

29 मार्च 2020 को यह 30.01 फीसद पर जा पहुंची और फिर 5 अप्रैल 2020 के आंकड़े के अनुसार, यह 30.93 फीसद पर आ गई है।

 

 

 

देश में कुल वर्कफोर्स का एक तिहाई हिस्सा केज्युअल वर्कर्स का है। अगर अर्थव्यवस्था में संकट लगातार बढ़ता रहता है, तो उनकी नौकरियों के सुरक्षित रहने के आसार कम काफी कम होते जाएंगे।

 

 

 

गौरतलब है कि देश में 25 मार्च से ही संपूर्ण लॉकडाउन लागू है। कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने यह लॉकडाउन लागू किया हुआ है।

 

 

 

इस दौरान आवश्यक वस्तुओं और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां बंद हैं।

 

 

 

 

 

देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने कहा है कि मोटी गणना के अनुसार, लॉकडाउन के दो हफ्तों में ही करीब पांच करोड़ लोग अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं।

 

 

 

उन्होंने कहा, ‘अभी लोगों को अपने घर भेज दिया गया है, इसलिए बेरोजगारी का आंकड़ा और ऊपर जा सकता है और यह कुछ समय बाद सामने आ सकता है।’