भारत ने प्लाज्मा थेरेपी को COVID-19 प्रबंधन दिशानिर्देशों से हटाया!

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केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए क्लिनिकल परामर्श में संशोधन किया है। सरकार ने सोमवार को मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्‍तेमाल को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने पाया कि कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों में कमी लाने में मददगार साबित नहीं हुई है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के एक के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यबल ने क्लीनिकल गाइडेंस फार मैनेजमेंट आफ अडल्ट कोविड-19 पेशेंट्स को संशोधित कर दिया है और उसमें से स्वस्थ हुए व्यक्ति के प्लाज्मा (आफ लेबल) को हटा दिया है।

पिछली गाइडलाइंस में मध्यम स्तर की बीमारी के शुरआती दौर में (लक्षण दिखने के सात दिनों के भीतर) प्लाज्मा थेरेपी के ‘आफ लेबल’ इस्तेमाल की सिफारिश की गई थी।

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल के सभी सदस्य आईसीएमआर की पिछले हफ्ते हुई बैठक के दौरान प्लाज्मा थेरेपी को इलाज के दिशा-निर्देश से हटाने पर सहमत हुए थे।

इसके बाद सरकार का यह फैसला सामने आया है। अधिकारी ने बताया कि कार्य बल ने व्यस्क कोरोना मरीजों के इलाज संबंधी नैदानिक परामर्श में बदलाव किया और इसमें से प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया।