सरकार ने विदेश से भारतीयों की वापसी के लिए एसओपी जारी कर, यात्रियों को खुद देना होगा भाड़ा

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सरकार ने देश के बाहर फंसे भारतीयों एवं प्रवासी भारतीयों की वापसी तथा भारत में रह रहे उन व्यक्तियों के लिए मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जो अत्यावश्यक कारणों से विदेश की यात्रा करने के इच्छुक हैं।

 

एक सरकारी आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विदेश से लौटने के लिए विवशता वाले ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां लोग संकट में हैं। उनमें नौकरी से निकाले जा चुके प्रवासी कामगार तथा वे लोग भी शामिल हैं जिनकी अल्पावधि वीजा की समयसीमा बीत गयी है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि आपात चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों तथा परिवार के सदस्य की मौत की वजह से भारत लौटने को इच्छुक लोगों एवं विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा।

प्राप्त पंजीकरण प्रविष्टियों के आधार पर विदेश मंत्रालय ऐसे यात्रियों का उड़ान या जहाज के हिसाब से डाटाबेस तैयार करेगा जिसमें उनके नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, निवास स्थान, गंतव्य और पीसीआर परीक्षण एवं उसके परिणाम की सूचना शामिल होगी।

विदेश मंत्रालय संबंधित राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ डाटाबेस (सूचनाएं) पहले ही साझा करेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्रालय राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के लिए अलग अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा जो संबंधित राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे ।

विदेश मंत्रालय अपने ऑनलाइन डिजिटल मंच पर आ रही उड़ान या जहाज के कार्यक्रम (दिन, स्थान और पहुंचने के समय) को लेकर कम से कम दो दिनों का नोटिस प्रदर्शित करेंगे।

गृहमंत्रालय ने कहा कि उपलब्ध सूचना के आधार पर, लॉकडाउन से पहले रोजगार, अध्ययन, इंटर्नशिप, पर्यटन, कारोबार जैसे उद्देश्यों को लेकर विभिन्न देशों में गये कई भारतीय फंस गये हैं। देश में पहली बार 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था।

भल्ला ने एसओपी जारी करते हुए कहा, ‘‘ विदेश में लंबे समय तक रहने के कारण वे परेशानी में घिर गये हैं और जल्दी से जल्दी भारत लौटना चाह रहे हैं।’’

एसओपी के अनुसार भारत लौटने को इच्छुक सभी भारतीयों को , जिस देश में वे फंसे हैं, वहां भारतीय मिशन में अपना पंजीकरण कराना होगा और विदेश मंत्रालय द्वारा निर्धारित जरूरी सूचनाएं देनी होगी।

वे नागर विमानन मंत्रालय द्वारा इंतजाम की गयी गैर अधिसूचित वाणिज्यिक उड़ानों एवं सैन्य विभागों द्वारा प्रबंध किये गये नौसैनिक जहाजों से भारत आयेंगे।

इन उड़ानों और जहाजों में चालकदल और कर्मी ऐसे लोग होंगे जो जांच में संक्रमणमुक्त होंगे।

यात्रा शुरू होने से पहले सभी यात्रियों को यह लिखकर देना होगा कि वे भारत पहुंचने पर अपने खर्च पर अनिवार्य पृथक-वास में रहेंगे। उन्हें यह भी लिखकर देना होगा कि वे अपनी जोखिम पर यह यात्रा कर रहे हैं।

विमान या जहाज में सवार होने के समय विदेश मंत्रालय स्वास्थ्य नियमों के अनुसार उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कराएगा। जिनमें (कोविड-19) लक्षण नजर नहीं आयेंगे, बस उन्हें ही सवार होने दिया जाएगा। जमीन मार्ग से आने वाले पर भी यही लागू होगा। यात्रा के दौरान यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी नियमों जैसे मास्क, हाथों की साफ-सफाई का पालन करना होगा।

पहुंचने के बाद इन यात्रियों की स्वास्थ्य नियमों के अनुसार थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। उनसे अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु डाउनलोड करने को कहा जाएगा। जिनमें लक्षण दिखेंगे उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया जाएगा। बाकी को 14 दिनों के लिए उपयुक्त संस्थानात्मक पृथक वास केंद्रों में रखा जाएगा, जिसका इंतजाम संबंधी राज्य/केंद्रशासित सरकारें करेंगी। चौदह दिन बाद जांच में संक्रमण नहीं नजर आने पर उन्हें घर जाने दिया जाएगा और अगले और 14 दिनों के लिए उन्हें अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने को कहा जाएगा।

गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत से तत्काल विदेश जाने को इच्छुक लोगों के लिए ऐसा ही एसओपी जारी किया गया है। ऐसे व्यक्तियों को नागर विमानन मंत्रालय या उसके द्वारा निर्धारित एजेंसी में आवेदन करना होगा।

केवल उन लोगों को गंतव्य देशों की यात्रा की इजाजत होगी जो उस देश के नागरिक हैं, जिनके पास उस देश का कम से कम एक साल का वीजा है, ग्रीनकार्ड है या ओसीआई कार्डधारक है।

टिकट की पुष्टि से पहले नागर विमानन मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि गंतव्य देश अपने यहां ऐसे व्यक्तियों को प्रवेश की इजाजत दे। गंतव्य देश ने यदि कोई शर्त लगा रखी हो तब वहां जाने को इच्छुक व्यक्ति को उसका पालन करना होगा।