कोलकाता में भारत का पहला ट्राम लाइब्रेरी!

, ,

   

कोलकाता भारत का अकेला शहर है जहां आज भी ट्राम चलती है. लेकिन आधुनिकीकरण न होने की वजह से उसका आकर्षण घटता जा रहा था.

 

डी डब्ल्यू पर छपी खबर के अनुसार, अब कंपनी ने किताबों और पत्रिकाओं का शौक रखने वाले यात्रियों को लुभाने का नायाब तरीका निकाला है.

 

कोलकाता में लोग अब डेढ़ सौ साल से इस महानगर की पहचान रही ट्राम में बैठकर लाइब्रेरी का आनंद ले सकेंगे. गुरुवार को इस अपने किस्म की पहली ट्राम लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया.

 

यह ट्राम नियमित रूप से श्यामबाजार से एस्प्लानेड के बीच चलेगी और करीब साढ़े चार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कॉलेज स्ट्रीट से भी होकर गुजरेगी.

 

यह दिन में चार चक्कर लगाएगी. इस मार्ग पर कलकत्ता विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, स्कॉटिश चर्च कॉलेज, हिंदू कॉलेज समेत करीब 30 शिक्षण संस्थान हैं.

 

ट्राम लाइब्रेरी में मुफ्त वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी ताकि लोग सफर के दौरान ई-पुस्तकों को भी पढ़ सकें. इस ट्राम का मकसद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को आकर्षित करना है.

 

कोलकाता में चलने वाली ट्रामें इस महानगर की पहचान रही हैं. पूरे देश में अकेले यहीं यह ट्राम अब भी चलती है. धीमी गति, परिवहन के तेज साधनों और भागदौड़ भरी जिंदगी में समय की कमी की वजह से यह सेवा हालांकि बीते कुछ दशकों से धीरे-धीरे सिमटती रही है.

 

बावजूद इसके देशी-विदेशी पर्यटकों में इसका भारी आकर्षण है. सरकार इस सेवा को आकर्षक बनाने के लिए समय-समय पर अनूठे प्रयोग करती रही है.

 

इनमें ट्रामों पर दुर्गापूजा दर्शन से लेकर पुस्तक मेला जैसे आयोजन तक शामिल रहे हैं. उसी कड़ी में अब पहली बार इस पर चलती-फिरती लाइब्रेरी बनाई गई है जहां लोग सफर के साथ पढ़ने का आनंद उठा सकते हैं.

 

पश्चिम बंगाल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राजनवीर सिंह कपूर बताते हैं, “इस ट्राम लाइब्रेरी में यूपीएससी के अलावा पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग, जीआरई और जीमैट समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए भी पत्रिकाएं उपलब्ध होंगी.”

 

उनका कहना है कि छात्रों, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों में पढ़ने की आदत को नए सिरे से बढ़ावा देना ही इस लाइब्रेरी की स्थापना का प्रमुख मकसद है. महज 20 रुपए का टिकट लेकर यात्री पढ़ते हुए सफर का आनंद ले सकेंगे. पुस्तकों को पढ़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा.

 

ट्राम के दोनों कोच पूरी तरह वातानुकूलित बनाए गए हैं ताकि यात्रियों को गर्मी के मौसम में भी कोई दिक्कत नहीं हो. इन दोनों कोच के बीच की दीवार हटा कर ट्राम को एक लंबे कोच में बदल दिया गया है.

 

कपूर बताते हैं, “एक सप्ताह तक सभी यात्रियों को मुफ्त में कलम भेंट दी जाएगी. आगे चल कर इस ट्राम में साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ पुस्तक लोकार्पण समारोह भी आयोजित किए जाएंगे. इस साल नवंबर में एक ट्राम लिटरेचर फेस्ट के आयोजन की भी योजना है.”

 

बीती मई में अंफान तूफान के कारण हजारों की तादाद में पेड़ व खंभे गिरने से ट्राम सेवा पूरी तरह ठप हो गई थी. अब उसे धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है. एस्प्लानेड से श्यामबाजार के बीच भी यह सेवा बंद थी.

 

इसे ट्राम लाइब्रेरी के तौर पर दोबारा शुरू किया गया है. फिलहाल पांच रूटों पर ट्रामों का संचालन किया जा रहा है. राज्य परिवहन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, “कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस ट्राम लाइब्रेरी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.

 

इसके अलावा सुरक्षा के दूसरे मानक भी अपनाए जाएंगे. लाइब्रेरी के गेट पर सैनिटाइजर रखा होगा और यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.”

 

छात्रों ने इस लाइब्रेरी पर प्रसन्नता जताई है. प्रेसीडेंसी कालेज के एक छात्र गौरव हालदार कहते हैं, ”यह एक सराहनीय पहल है. आम के आम गुठली के दाम की तर्ज पर हम इससे अपने कालेज जाते समय प्रतियोगी परीक्षाओं की पत्र-पत्रिकाओं पर निगाह दौड़ा सकते हैं. फिलहाल तो कालेज बंद है.

 

लेकिन संभवतः दुर्गापूजा के बाद खुलने पर इस ट्राम में भीड़ बढ़ेगी.” दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इसे इस महानगर की ऐतिहासिक विरासत से छेड़छाड़ बताते हुए इस पर नाराजगी जताई है. कलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन के सदस्य सुविमल भट्टाचार्य कहते हैं,

 

“ट्राम के दोनों कोच को सिंगल कोच में बदलना सही नहीं है. यह विरासत से छेड़छाड़ करने जैसा है. हमें इस विरासत को संरक्षित करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.” बॉलीवुड और बांग्ला फिल्मोद्योग टॉलीवुड के अनगिनत फिल्मों की शूटिंग इन ट्रामों में हो चुकी है.

 

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी