हज प्रकिया को पुरी तरह डिजिटल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना!

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भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां हज यात्रा की पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है।

साथ ही ई-मसीहा की मदद से हज यात्री की सेहत की पूरी जानकारी ऑनलाइन मिल पाएगी। भारत हज की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल करने वाला पहला और एकमात्र देश बन गया है।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 2020 में हज में जाने वाले भारतीय मुसलमानों के हज के आवेदन से लेकर मक्का-मदीना में ठहरने और मेडिकल सुविधा की सभी प्रक्रिया 100 फीसदी ऑनलाइन हो गई है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने सऊदी अरब के हज मंत्री डॉ. मोहम्मद सालेह बिन ताहिर के साथ द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।

दुनिया भर से लाखों लोग हर साल हज के लिए सऊदी अरब पहुंचते हैं। इसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। एक मुसलमान होने के नाते इस्लाम में जो फर्ज बताए गए हैं, उनमें से एक अपने जीवनकाल में एक बार हज पर जाना भी है।

साल 2020 में हज के लिए जाने वाले भारत के एक लाख 78 हजार लोगों ने पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के तहत आवेदन किए हैं। इनमें 1,770 महिलाएं भी शामिल हैं जो कि बिना पुरुष सहयोगी की जा रही हैं।

डिजिटल प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन, ई-वीजा, मोबाइल ऐप ‘ई-मसीहा’, मक्का-मदीना में ठहरने के इंतजाम और वहां के यातायात की जानकारी को जोड़ा गया है।

2020 के हज के लिए आवेदन 5 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन आवेदन में 15 हजार आवेदन जम्मू-कश्मीर के भी शामिल हैं। 2020 में भारत से करीब दो लाख लोग हज के लिए जाएंगे।

भारत सरकार ने सऊदी अरब सरकार के साथ जो समझौते किए हैं उनमें सबसे खास कही जा सकती है ई-मसीहा स्वास्थ्य सुविधा। इस सुविधा के तहत हर यात्री के स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी सी छोटी जानकारी इसमें उपलब्ध होगी। आपातकाल में इस ऐप के जरिए यात्री का मेडिकल इतिहास तुरंत जाना जा सकेगा और उसे मेडिकल सुविधा दी जा सकेगी।

मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक हज यात्रियों के सिम कार्ड को हज मोबाइल ऐप से लिंक करने की व्यवस्था की गई है जिससे हज यात्रियों को मक्का-मदीना में हज से जुड़ी नई-नई जानकारियां तुरंत मिलती रहेंगी।

नकवी ने बताया कि इस साल हज यात्रियों को सभी किस्म की जानकारी मुहैया कराने और पूरी हज प्रक्रिया में मदद के लिए 100 टेलीफोन लाइनों का सूचना केंद्र हज हाउस, मुंबई में शुरू किया गया है।

साल 2018 में केंद्र सरकार ने हज पर दी जाने वाली सब्सिडी पूरी तरह से खत्म कर दी थी। सरकार की दलील थी कि हज सब्सिडी सिर्फ तुष्टीकरण के लिए दी जा रही थी।

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी