इस्लामिक बैंक के नाम पर ठगी करने वाले सात गिरफ्तार, मालिक फरार!

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इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी आई मॉनेटरी एडवाइडरी ज्वैलर्स (आईएमए) के सातों निदेशकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि वे फर्म के वित्तीय संकट से अनभिज्ञ थे।

निदेशकों के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही मालिक मोहम्मद मंसूर खान ने एक मीटिंग में कई जगहों पर निवेश की चर्चा की थी। साथ ही उन्हें रमजान की लंबी छुट्टी लेने को कहा था। इसके बाद सीधे उन्हें खान के फरार होने की खबर मिली।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, फर्म निदेशकों को पुलिस ने बुधवार को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया था। साथ ही पुलिस ने जानकारी दी है कि उसने एक निदेशक के घर के नजदीक सफेद रंग की एसयूवी बरामद की है, जो खान की बताई जा रही है। इस पर पुड्डुचेरी का नंबर है और यह कुछ समय से यहां खड़ी हुई थी।

मामला उजागर होने के बाद तीसरे दिन भी बड़ी तादाद में लोग शिवाजीनगर स्थित फर्म के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने मालिक और निदेशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अब तक 26 हजार लोगों ने फर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

निवेशकों के मुताबिक उन्हें कुछ मस्जिदों के उलेमा और मौलवियों ने आईएमए में पैसा लगाने को कहा था। उनका कहना है कि मौलवियों ने उन्हें पैसा सुरक्षित रहने का भरोसा दिया था। साथी ही बताया कि फर्म इस्लामिक दिशानिर्देशों के हिसाब से काम करती है।

इस बीच मंसूर खान के फरार होने और आत्महत्या की धमकी देने वाला ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद निवेशक बेहाल हैं। कर्नाटक सरकार ने बुधवार को जांच के लिए 11 सदस्यीय एसआईटी के गठन का एलान किया था।

इस ऑडियो में मंसूर ने कहा है कि वह आत्महत्या कर रहा है क्योंकि नेताओं और अफसरों को रिश्वत देते-देत थक गया है। उसने कांग्रेस विधायक रोशन बेग पर 400 करोड़ रुपये लेकर वापस न लौटाने का आरोप भी लगाया है।

करीब 13 साल पहले मंसूर खान ने आईएमए नामक इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी शुरू की। उसने लोगों को निवेश पर 14-18 फीसदी रिटर्न का वादा किया।

फर्म में ज्यादातर निवेशक मुस्लिम हैं। खान ने ज्वैलरी, रियल एस्टेट, बुलियन ट्रेडिंग, फार्मेसी, पब्लिकेशन और शिक्षा में कारोबार फैला रखा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फर्म में करीब 10 हजार निवेशक हैं और उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा था।