भारत में 18,833 नए COVID मामले दर्ज, सक्रिय मामले 203 दिन के निचले सबसे स्तर पर!

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बुधवार को अपडेट किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 18,833 नए कोरोनावायरस संक्रमण जोड़े, जिससे देश में COVID-19 मामलों की कुल संख्या 3,38,71,881 हो गई, जबकि सक्रिय मामले घटकर 2,46,687 हो गए, जो 203 दिनों में सबसे कम है।

सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 278 ताजा मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,49,538 हो गई।

लगातार 12वें दिन नए कोरोनावायरस संक्रमणों में दैनिक वृद्धि 30,000 से नीचे रही।


मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामलों में कुल संक्रमणों का 0.73 प्रतिशत शामिल है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है, जबकि राष्ट्रीय COVID-19 वसूली दर 97.94 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है।

24 घंटे की अवधि में सक्रिय COVID-19 केसलोएड में 6,215 मामलों की कमी दर्ज की गई है।

देश में COVID-19 का पता लगाने के लिए अब तक किए गए कुल संचयी परीक्षणों को 57,68,03,867 तक ले जाने के लिए मंगलवार को 14,09,825 परीक्षण किए गए।

दैनिक सकारात्मकता दर 1.34 प्रतिशत दर्ज की गई थी। पिछले 37 दिनों से यह तीन फीसदी से भी कम है। साप्ताहिक सकारात्मकता दर 1.68 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मंत्रालय के मुताबिक पिछले 103 दिनों से यह तीन फीसदी से नीचे है।

बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,31, 75,656 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गई।

राष्ट्रव्यापी COVID-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में प्रशासित संचयी खुराक 92.17 करोड़ से अधिक हो गई है।

भारत का COVID-19 टैली 7 अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख को पार कर गया था। यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख को पार कर गया था। 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया।

भारत ने 4 मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के गंभीर मील के पत्थर को पार कर लिया।

278 नए लोगों में केरल के 151 और महाराष्ट्र के 39 लोग शामिल हैं।

देश में अब तक कुल 4,49,538 मौतें हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 1,39,272, कर्नाटक से 37,845, तमिलनाडु से 35,682, केरल से 25,677 और दिल्ली से 25,088, उत्तर प्रदेश से 22,896 और पश्चिम बंगाल से 18,848 लोगों की मौत हुई है।

मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता के कारण हुईं।

मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलान किया जा रहा है।” आंकड़ों का राज्यवार वितरण आगे सत्यापन और सुलह के अधीन है।