शाहीन बाग़ में पैसों के बंटवारे को लेकर महिलाओं का फ़र्ज़ी विडियो वायरल !

   

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में भी पिछले कई हफ़्तों से प्रदर्शन चल रहा है। शाहीन बाग़ का यह प्रदर्शन इसलिए भी चर्चा का कारण बना है क्योंकि ज़्यादातर इसमें महिलाएं शामिल हुई हैं। इसी बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो साझा किया जा रहा है, जिसमें कुछ महिलाओं को एक दूसरे को मारते हुए देखा जा सकता है। आशुतोष टीनु शुक्ला नामक एक उपयोगकर्ता ने इस वीडियो को यह कहते हुए पोस्ट किया,“शाहीन बाग पैसों के बंटवारों मे दिक्कत बेटी बना के लाई पैसे कम दिए तो बेटी ने चप्पलों से नकली अम्मी को caa से तो नही सम्मान से आज़ादी दे दी????”  इस पोस्ट को करीब 120,000 बार देखा और 7,200 बार शेयर किया जा चुका है। (आर्काइव)

ऐसे ही दावे से इस वीडियो को पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ नामक एकउपयोगकर्ता ने ट्वीट किया है –“यह वीडियो शाहीनबाग की दिहाड़ी के पैसों के बंटवारे।”  (आर्काइव)

पुराना वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुई एक पुरानी घटना से सम्बंधित है। वीडियो को इनवीड के जरिये की-फ्रेम्स में तोडा जिसे गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें 2 जून, 2019 को प्रकाशित दैनिक भास्कर का एक लेख मिला। इस का शीर्षक इस प्रकार है –“बिजनौर / दो महिलाओं को पसंद आया एक सूट, खरीदने को लेकर एक-दूसरे को पीटा।” लेख के मुताबिक, बिजनौर की एक दुकान में दो महिलाओं के बीच सूट खरीदने को लेकर लड़ाई हो गयी थी।

इस घटना के बारे में मराठी समाचारपत्र सामना ने भी 4 जून, 2019 को खबर प्रकाशित की थी।

झूठे दावे से वायरल है यह वीडियो

हमने पाया कि यह वीडियो फेसबुक पर समान दावे वाले दोनों सन्देशों –12– के साथ व्यापक रूप से साझा किया गया है।

यह वीडियो ट्विटर पर भी प्रसारित है।

ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत एप पर भी इस वीडियो की जांच करने के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

इस तरह यह दोहराया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुई एक पुरानी घटना का वीडियो सोशल मीडिया में इस झूठे दावे से साझा किया गया कि यह शाहीन बाग़ के प्रदर्शन में शामिल हुई महिलाओं के बीच पैसों के बंटवारे को लेकर हुई लड़ाई को दर्शाता है।

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