केरल के मलप्पपुरम के बाद हिमाचल प्रदेश में भी पशु से दरिंदगी हुई है। बिलासपुर जिला में बारूद चबाने से गर्भवती गाय का जबड़ा फट गया।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में रात को एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। घटना 25 मई की है। किसी ने मामले का वीडियो पांच जून को देर रात सोशल मीडिया पर डाला जो छह जून को शाम तक पूरी तरह वायरल हो गया।
इससे प्रदेशभर में रोष है। घास चरते वक्त गर्भवती गाय ने बारूद चबा लिया जिससे उसका जबड़ा फट गया। घायलावस्था में गाय ने बछड़े को भी जन्म दिया है।
मामले की जांच कर रहे एसएचओ प्रीतम चंद ने कहा है कि मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए डीएसपी मुख्यालय संजय शर्मा और पुलिस थाना झंडूता थाना प्रभारी प्रीतम चंद शर्मा शनिवार को मौके पर गए व मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
गाय के मालिक गुरुचरण सिंह ने इसके लिए पड़ोसी पर शक जताया है। उसका आरोप है कि उक्त व्यक्ति जंगली जानवरों के लिए बारूद लगाता है लेकिन उस दिन इसकी चपेट में गाय आ गई।
एसएचओ प्रीतम चंद ने बताया कि आरोपित से पूछताछ की जा रही है। उसे रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
एसपी दिवाकर शर्मा ने बताया कि डाहड़ निवासी गुरुचरण सिंह ने शिकायत में कहा कि उसने तीन गायें पाली हैं। वह उन्हें आसपास खेतों में चरने के लिए छोड़ता है।
25 मई शाम को दो गायें घर आ गई लेकिन एक गाय नहीं आई तो वह बेटियों व बेटे के साथ गाय को ढूंढने गया। इस दौरान विस्फोट की आवाज सुनी और जब वे विस्फोट वाली जगह पर पहुंचे तो गाय का जबड़ा फटा था।
पुलिस ने पशु क्रूरता एक्ट व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया था। पशुपालन विभाग के डॉक्टरों से गाय का इलाज भी करवाया।
इस बीच कुछ दिन पहले गाय ने बछड़े को भी जन्म दिया है। गुरुचरण सिंह व बेटियों ने बयान दिया है कि विस्फोट के बाद उन्होंने वहां से पड़ोसी नंदलाल को भागते देखा था।
तुषार बजरंग दल के प्रात संयोजक तुषार डोगरा ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि जो लोग पशुओं से क्रूरता करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। इस मामले में भी दोषी को कड़ी सजा दी जाए।
जंगली जानवरों के शिकार के लिए कई लोग स्थानीय स्तर पर तैयार विस्फोटक खेतों में लगाते हैं।
विस्फोटक को आटे के बीच रखा जाता है। जैसे ही कोई जानवर इसे खाता है तो विस्फोटक फट जाता है।