राजदीप सरदेसाई के खिलाफ़ अवमानना की कार्रवाई की मांग!

,

   

प्रशांत भूषण मामले में अदालत के फैसले की आलोचना करने और न्यायपालिका से जुड़े अन्य ट्वीट्स के लिए पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

 

खास खबर पर छपी खबर, याचिकाकर्ता आस्था खुराना ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से कहा है कि सरदेसाई का बयान न केवल एक सस्ता प्रचार स्टंट है।

 

बल्कि शीर्ष अदालत के खिलाफ हर तरह से विरोध करने के लिए भारत विरोधी अभियान के रूप में नफरत फैलाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।

 

याचिका में कहा गया है कि यह समकालीन ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के संप्रभु कार्य और संविधान के प्रति उनके पालन करने की प्रकृति पर एक बड़ा सवाल है।

 

याचिकाकर्ता ने राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की सहमति भी मांगी है।

 

याचिकाकर्ता ने सरदेसाई के एक ट्वीट का हवाला दिया, जहां उन्होंने अदालत द्वारा भूषण पर लगाए गए एक रुपये के दंड की आलोचना की थी। इसके अलावा दूसरे ट्वीट का भी हवाला दिया गया, जिसमें सरदेसाई ने कहा था कि शीर्ष अदालत किसी वकील को प्रैक्टिस से नहीं हटा सकती।

 

दलील दी गई कि यह स्पष्ट है कि सरदेसाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का अपमान किया है।

 

याचिकाकर्ता ने सरदेसाई को इस तरह के कार्य में एक अभ्यस्त के तौर पर संदर्भित करते हुए शीर्ष अदालत के आदेश का जानबूझकर अपमान करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का आदेश पारित करने का आग्रह किया है।