भारत में 219 COVID-19 मौतें दर्ज, 167 दिनों में सबसे कम; 38,948 नए मामले

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 38,948 नए कोरोनोवायरस संक्रमण और 219 ताजा मौतें दर्ज कीं, जो 167 दिनों में सबसे कम हैं।

ताजा मामलों के साथ, COVID-19 मामलों की कुल संख्या 3,30,27,621 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 4,40,752 हो गई है।

सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 48 दिनों के बाद मामले की मृत्यु दर घटकर 1.33 प्रतिशत हो गई है।


भारत में 23 मार्च को एक ही दिन में 199 लोगों की मौत हुई थी।

मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामले घटकर 4,04,874 हो गए हैं, जिसमें कुल संक्रमण का 1.23 प्रतिशत शामिल है, जबकि राष्ट्रीय COVID-19 वसूली दर 97.44 प्रतिशत दर्ज की गई है।

24 घंटे की अवधि में सक्रिय COVID-19 केसलोएड में 5,174 मामलों की कमी दर्ज की गई है।

मंत्रालय ने कहा कि लगातार 71 दिनों से रोजाना 50,000 से कम मामले सामने आ रहे हैं।

देश में COVID-19 का पता लगाने के लिए अब तक किए गए कुल संचयी परीक्षणों को 53,14,68,867 तक ले जाते हुए रविवार को 14,10,649 परीक्षण किए गए।

दैनिक सकारात्मकता दर 2.76 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.58 प्रतिशत दर्ज की गई।

मंत्रालय के मुताबिक पिछले 73 दिनों से यह तीन फीसदी से नीचे है।

बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 3,21,81,995 हो गई।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में प्रशासित COVID-19 वैक्सीन की कुल खुराक 68.75 करोड़ तक पहुंच गई है।

भारत की COVID-19 टैली ने 7 अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख का आंकड़ा पार कर लिया था।

यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई।

भारत ने 4 मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के गंभीर मील के पत्थर को पार कर लिया।

219 नए लोगों में केरल के 74 और महाराष्ट्र के 67 लोग शामिल हैं।

देश में अब तक कुल 4,40,752 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें महाराष्ट्र से 1,37,774, कर्नाटक से 37,409, तमिलनाडु से 35,018, दिल्ली से 25,082, उत्तर प्रदेश से 22,856, केरल से 21,496 और पश्चिम बंगाल से 18,502 मौतें हुई हैं।

मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता के कारण हुईं।

मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलान किया जा रहा है।” आंकड़ों का राज्यवार वितरण आगे सत्यापन और सुलह के अधीन है।