कोविड-19: पिछले 24 घंटे में 3, 320 नये मामलें, 95 मरीजों की मौत!

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24घंटों में कोरोना वायरस के 3,320 और मामले सामने आए हैं और 95 मौतें हुई हैं।

 

 

सक्रिय मामले

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 59,662 हो गई है ,इसमें 39,834 सक्रिय मामले, 17,847 ठीक/ डिस्चार्ज/विस्थापित मामले और 1,981 मौतें शामिल हैं।

 

 

 

देश में शुक्रवार को कोरोनोवायरस मामलों की संख्या बढ़कर 56,342 हो गई थी । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि ‘हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा’ और ‘यह एक कठिन लड़ाई है, हमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।’

 

 

 

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, “हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा। हमें इन (सामाजिक दूरी) नियमों को लागू करने के लिए कुछ व्यवहार परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।”

 

 

 

पिछले कुछ दिनों में कोरोना मामलों में अचानक उछाल आने और प्रतिदिन 3,000 मामले पार करने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है।

 

 

 

अग्रवाल ने कहा, “पिछले 24 घंटों में शुक्रवार सुबह 8 बजे तक कुल 3,390 नए मामले सामने आए और 103 मौतें हुईं।”

 

 

 

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में जून-जुलाई में कोरोना के मामले चरम पर होंगे, अग्रवाल ने कहा कि अगर ‘हम क्या करें और क्या नहीं करें’ नियमों का पालन ठीक से करेंगे तो मामलों की संख्या में हम चरम पर नहीं पहुंचेंगे।

 

 

 

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 16,540 कोरोना रोगी, जो कि कुल मामलों का लगभग 29.36 प्रतिशत है, अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि पिछले 24 घंटों में 1,273 लोग ठीक हुए हैं।

 

 

 

भारत में कुल मामलों की कुल संख्या 56,342 है। इसमें से 37,916 सक्रिय मामले हैं जबकि 1,886 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।

 

 

 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “216 जिलों में, किसी भी पॉजिटिव मामले का पता नहीं चला है। 42 जिलों में पिछले 28 दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जबकि 29 जिलों में पिछले 21 दिनों में कोई भी मामला सामने नहीं आया है।”

 

 

 

मंत्रालय ने बताया कि कुल सक्रिय मामलों में से 3.2 प्रतिशत मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, 4.2 प्रतिशत आईसीयू में और 1.1 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।