संजीव भट्ट को इंसानी और बुनियादी हक़ से महरूम रखा गया- श्वेता भट्ट

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संजीव भट्ट की पत्नी ने गुजरात में अपने पति के मानवाधिकार हनन का गंभीर मुद्दा उठाया है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्रीमती श्वेता भट्ट ने बुधवार को केरल विधानसभा में विपक्षी नेता रमेश चेन्नीथला से मुलाकात की। संजीव भट्ट 1990 में हिरासत में हुई मौत के एक मामले में जेल में बंद हैं।

राष्ट्रीय खबर के अनुसार, श्रीमती भट्ट ने आरोप लगाया कि उनके पति को जेल में मूलभूत मानवाधिकारों से वंचित किया जा रहा है। वह यहां मुख्यमंत्री पिनारई विजयन, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेताओं से मिलने के लिए आयी हैं।

श्रीमती भट्ट ने कहा कि वह संसद में इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी और उनके सांसदों की मदद लेने आयी हैं। उन्होंने विपक्षी नेता से कहा कि अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई के तहत उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।

बाद में यहां संवाददाताओं से बात करते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि
श्री भट्ट का परिवार केंद्र में फासीवादी सरकार का शिकार हुए हैं। श्री चेन्नीथला ने कहा कि हम संजीव भट्ट की पत्नी को नैतिक समर्थन देते हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। श्रीमती भट्ट के साथ उनके बेटे और केरल विधानसभा में विपक्ष के उप नेता डॉ. एम.के. मुनीर भी थे।

संजीव भट्ट को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला तब लिया गया था जब उनपर कई आरोप लगे थे। दूसरी तरफ पहले से ही इस वजह से चर्चित हो चुके थे क्योंकि उन्होंने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

बाद में उन्हें हिरासत में हुई एक मौत के मामले में अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनायी है। उनकी पत्नी इन तमाम मुद्दों को राजनीतिक बदला करार दे रही हैं।