भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो हवा में आवाज की गति से छह गुना तेज गति से दूरी तय करने में सक्षम है।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसने खुद की हाइपरसोनिक तकनीक विकसित कर ली है और इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार को ओडिशा तट के पास डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कॉम्पलेक्स से मानव रहित स्क्रैमजेट हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण किया।
Chairman DRDO congratulated all the Scientists, Researchers and other personnel related with #HSTDV mission for their resolute and unwavering efforts towards strengthening Nation’s defence capabilities.
— DRDO (@DRDO_India) September 7, 2020
हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए यह परीक्षण एक बड़ा कदम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए डीआरडीओ की सराहना की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, “डीआरडीओ ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
I congratulate to DRDO on this landmark achievement towards realising PM’s vision of Atmanirbhar Bharat. I spoke to the scientists associated with the project and congratulated them on this great achievement. India is proud of them.
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) September 7, 2020
इस सफलता के साथ, सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां अब अगले चरण की प्रगति के लिए स्थापित हो गई हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं डीआरडीओ को इस महान उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं, जो प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में है। मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।”
DRDO today successfully demonstrated the Hypersonic air-breathing scramjet technology with the flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle (HSTDV).
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has congratulated Team @DRDO_India for this landmark achievement. pic.twitter.com/WMPhVzvAJx
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 7, 2020
स्क्रैमजेट इंजन सहित लॉन्च और क्रूज वाहन के मापदंडों की निगरानी कई ट्रैकिंग राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल द्वारा की गई थी।
स्क्रैमजेट इंजन ने उच्च गतिशील दबाव और बहुत अधिक तापमान पर काम किया। हाइपरसोनिक वाहन के क्रूज चरण के दौरान प्रदर्शन की निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी में एक जहाज भी तैनात किया गया था।
सभी प्रदर्शन मापदंडों ने मिशन की शानदार सफलता का संकेत दिया है। डीआरडीओ ने कहा कि यह परीक्षण अधिक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, सामग्रियों और हाइपरसोनिक वाहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
यह भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में रखता है, जिन्होंने इस तकनीक का प्रदर्शन किया है।