तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग में शामिल गुंडों के बारे में जानिए, ज्यादातर हैं बेरोजगार!

,

   

झारखंड के खरसावां जिले में तबरेज अंसारी नाम के शख्स के साथ चोरी के शक में मारपीट की गई। उसे खंभे से बांधा गया और पुलिस को सौंपने से पहले भीड़ ने कई घंटों तक मारा।

इस घटना की वीडियो भी सामने आईं, जिसमें दिख रहा है कि तबरेज को बार-बार “जय श्री राम” और “जय हनुमान” बोलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। तबरेज की बाद में मौत हो गई।

अब उसके आरोपियों का भी पता चल गया है। जिनमें दिहाड़ी मजदूर, किसान और काम की तलाश में युवक भी शामिल हैं। इनमें अधितर की उम्र 30 साल के करीब है। 22 जून को हुई तबरेज की मौत के बाद धतकीडीह गांव से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो पुलिकर्मी निलंबित हुए।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इन 11 गिरफ्तार लोगों में से केवल पांच ही ऐसे हैं जिन्होंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। इनमें अधिकतर दिहाड़ी मजदूर, बेरोजगार और कुछ काम की तलाश कर रहे हैं।

प्रकाश उर्फ पप्पू मंडल (28): इस मामले में सबसे पहले प्रकाश गिरफ्तार हुआ। अपनी फेसबुक पर उसने खुद को अर्जुन मुंडा की पार्टी के लिए काम करने वाला बताया है। एसपी सरायकलां कार्तिक एस का कहना है, “गिरफ्तार हुए लोग किसी भी राजनीतिक पार्टी और उनसे जुड़े संगठनों से नहीं जुड़े हैं।”

कमल मेहतो (48): कमल वही है जिसने तबरेज अंसारी के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज करवाया था। इसनें दसवीं तक पढ़ाई की है। कमल की बेटी मोनिका महतो ग्रेजुएशन कर रही है। मोनिका का कहना है कि, “वो रेलवे में गैंगमैन के तौर पर काम करते हैं। पूरी घटना के लिए अब सारा गांव हमपर दोष लगा रहा है। हमने केवल सतर्क किया था, जब हमने चोर को देखा।” महतो गांव के उन लोगों में से एक है जिसके पास पक्का घर है।

सुमंत महतो (24) : पुलिस का कहना है कि कमल का बेटा सुमित महतो पहला व्यक्ति था जिसने चोर को लेकर शोर मचाया। सुमित अविवाहित है और बीते साल ही आईटीआई का कोर्स पूरा किया है। सुमित की बहन मोनिका का कहना है कि उसे एक पक्की नौकरी मिलने वाली थी।

प्रेमचंद मेहली (21) : पुलिस का कहना है कि जब घटना हुई तब प्रेमचंद वहां मौजूद था। गांववालों के अनुसार उसने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और एक सीमेंट की कंपनी में मजदूरी करता है। उसके पास अपनी कोई जमीन नहीं है और उसके माता-पिता बांस से टोकरियां बनाते हैं। जो पास के ही बाजार में बेची जाती हैं।

सोनाराम मेहली (31) : सोनाराम प्रेमचंद मेहली का कजन है और दिहाड़ी मजदूरी करता है। उसकी पड़ोसी जयंती के अनुसार उसने दसवीं कक्षा भी पूरी नहीं की है। उसने ये भी कहा कि पुलिस ने सोनाराम के 65 वर्षीय पिता कुशल मेहली को भी गिरफ्तार किया क्योंकि सोनाराम काम के लिए कहीं और चला गया था। एसपी का कहना है, “मुझे इस बारे में नहीं पता कि उसके पिता को गिरफ्तार किया गया है। हमें इसकी जांच करने की जरूरत है।”

सत्यनारायण नायक (55) : सत्यनारायण भी दिहाड़ी मजदूरी करता है और घरों में पेंट का काम कर रोजाना 100-150 रुपये तक कमाता है। उसके परिवार का कहना है कि उसने पांचवीं के बाद पढ़ाई नहीं की और वह कच्चे घर में रहते हैं। सत्यनारायण की पत्नी सरस्वती देवी का कहना है कि उसकी बेटी की हाल ही में मौत हुई है। उसने बताया, “मेरे पति की कमाई से ही अपनी बेटी के बेटे की देखभाल करते हैं। अब मेरे पास कोई नहीं है। वह 18 जून को यहीं थे और उसने किसी को नहीं मारा।”

मदन नायक (30) : सत्यनाराण का भतीजा मदन भी पांचवीं के बाद नहीं पढ़ा और अभी तक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता था। उसके बेटे प्रकाश का कहना है कि वह बीते कुछ दिनों से काम नहीं कर पा रहा था क्योंकि उसे गेट पास नहीं मिला। उसने बताया, “जब घटना हुई तब मेरे पिता वहां थे लेकिन उन्होंने किसी पर हमला नहीं किया।”

भीम मंडल (45) : भीम इलाके के स्थानीय बाजारों में आलू पेटीज और पकौड़े बेचता है। उसने कक्षा पांच तक ही पढ़ाई की है। भीम की पत्नी नंदिनी का कहना है, “जब हम सुबह पांच बजे उठे तब हमें घटना के बारे में पता चला। तब वह (भीम मंडल) घटनास्थल पर गए थे।”

महेश मेहली (28) : महेश मेहली की मां ने कहा है कि उसने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। मेहली की मां ने बताया, “वह कोर्स करने के लिए रांची गया था और उधर काम भी करता था लेकिन यहां आ गया। वो हमारे पूरे परिवार की देखभाल करता है। वो बस ये देखने गया था कि 18 जून को क्या हुआ था।”

सोनामु प्रधान (23) : गांव वालों के अनुसार सोनामु का परिवार 18 जून के बाद से नहीं दिखा है। सोनामु ने दसवीं तक पढ़ाई की है और अविवाहित है। स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि सोनामु ने हाल ही में हल जोतने के लिए ट्रेक्टर और एक सेकेंड हैंड बोलेरो खरीदी है।

चामु नायक (40) : चामु की थोड़ी सी खेती की जमीन है और तीन बेटे हैं। उसकी पत्नी सराथी देवी का कहना है कि उसने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी नहीं की है। चामु की पत्नी का कहना है, “जहां घटना हुई वहां वह मौजूद ही नहीं थे और उन्होंने किसी पर हमला नहीं किया।”