सूडान में सालूमि सिरेमिक फैक्ट्री में मंगलवार को हुए भयानक एलपीजी टैंकर विस्फोट में 23 लोगों की मौत हो गई। इनमें से कम से कम 18 भारतीय है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। इस हादसे में 130 से अधिक लोग घायल भी हुए है जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘सूडान की राजधानी खारतौम के बहरी इलाके में एक सिरेमिक कारखाने ‘सालूमि’ में एक बड़े विस्फोट की दुखद खबर मिली है। यह जानकर दुख हुआ कि कुछ भारतीय श्रमिकों ने अपनी जान गंवाई है जबकि कुछ अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं।’
Have just received the tragic news of a major blast in a ceramic factory “Saloomi” in the Bahri area of the capital Khartoum in Sudan. Deeply grieved to learn that some Indian workers have lost their lives while some others have been seriously injured.
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) December 4, 2019
जयशंकर ने कहा, ‘दूतावास के प्रतिनिधि घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। दूतावास ने 24 घंटे की आपातकालीन हॉटलाइन +249-921917471 स्थापित की है। दूतावास भी सोशल मीडिया पर अपडेट डाल रहा है। हमारी प्रार्थनाएं कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ हैं।’
भारतीय दूतावास ने कहा, ‘नवीनतम रिपोर्टों में 18 भारतीयों की मौत की खबर मिली है, लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।’ भारतीय दूतावास ने ये भी कहा कि ‘कुछ और लापता भारतीय मृतकों की सूची में हो सकते हैं जिनकी बॉडी के जल जाने के कारण अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।’
दूतावास ने बुधवार को उन भारतीयों की एक विस्तृत सूची जारी की जो अस्पताल में भर्ती थे, लापता हो गए थे या इस हादसे में बच गए थे। इन आंकड़ों के अनुसार, 7 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। 34 भारतीय जो इस हादसे में बच गए उन्हें सालूमि सेरामिक्स फैक्ट्री के आवास में ठहराया गया है।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह संकेत मिलता है कि आवश्यक सुरक्षा उपकरण साइट पर मौजूद नहीं थे जिस कारण इतना बड़ा हादसा हुआ। सरकार ने कहा, ‘साइट पर इनफ्लेमेबल मटेरियल को गलत तरीके से स्टोर किया गया था, जिससे ये आग फैल गई।’