भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर छह साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत तक पहुंच गई है और दूसरी तिमाही में इसके 5.3% के आसपास रहने की उम्मीद है।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत के राजकोषीय घाटे को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि यह घाटा एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को ‘चिंताजनक’ अवस्था की तरफ धकेल रहा है। यह बात ब्राउन यूनिवर्सिटी में ओपी जिंदल लेक्चर के दौरान प्रख्यात अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कही।
Good to see RaghuramRajan say so lucidly the things we in @IncIndia have been saying! But when a respected economist says it abroad the Indian media pays attention: https://t.co/UBchDk93hT
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 13, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के गंभीर संकट का कारण अर्थव्यवस्था को लेकर दृष्टिकोण में अनिश्चितता है। ‘पिछले कई साल तक अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय स्तर पर सुस्ती आई है। साल 2016 की पहली तिमाही में विकास दर नौ प्रतिशत रही थी।
India's fiscal deficit 'conceals' a lot and is probably pushing Asia's third-largest economy to the brink of a 'worrisome' situation, former RBI governor Raghuram Rajan has warned https://t.co/37vULwx8zR
— Economic Times (@EconomicTimes) October 12, 2019
राजन ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर छह साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत तक पहुंच गई है और दूसरी तिमाही में इसके 5.3% के आसपास रहने की उम्मीद है।