विश्व बैंक ने आर्थिक मंदी के बीच भारत को बड़ा झटका दे दिया है। विश्व बैंक ने अब भारत की ग्रोथ रेट घटाकर 6 फीसदी कर दी है। आपको बताते जाए कि 2018-19 में भारत की ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी रही थी।
हालांकि साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस के लेटेस्ट एडिशन में विश्व बैंक ने ये भी कहा कि साल 2021 में भारत ग्रोथ रेट को 6.9 फीसदी फिर से रिकवर कर लेगी।
In a major setback for #India's #economic outlook, a #WorldBank report on October 13 estimated #India's economic growth in the current fiscal at 6 per cent, lower than the #ReserveBankofIndia's latest revised outlook of 6.1 per cent.
Photo: IANS pic.twitter.com/3lUBZJuN7i
— IANS (@ians_india) October 13, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, विश्व बैंक ने बताया कि लगातार दूसरे साल भारत की आर्थिक विकास दर की रफ्तार गिर गई है। 2017-18 में यह 7.2 फीसदी थी, जो 2018-19 में घटकर 6.8 फीसदी हो गई है।
India's growth rate to fall to 6%, will recover to 7.2% in 2022: World Bank#economy#Worldbankhttps://t.co/vjGVUMVeOZ
— Business Standard (@bsindia) October 13, 2019
मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज बढ़ने से इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ 6.9 फीसदी हो गई जबकि एग्रीकल्चर और सर्विस सेक्टर में ग्रोथ 2.9 फीसदी और 7.5 फीसदी तक रही है।
इससे पहले क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को एक बार फिर घटा दिया। मूडीज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.8 फीसदी रह सकती है। इससे पहले पहले मूडीज का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.2 फीसदी था।
इस लिहाज से मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती कर दी है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने आर्थिक सुस्ती को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है, जिसके कारण 90 फीसदी देशों की विकास की रफ्तार धीमी रहेगी। तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के कारण भारत में सबसे ज्यादा असर देखा जाएगा।