भारत का ओमिक्रोन टैली बढ़कर 1700 हुआ!

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक ओमाइक्रोन प्रकार के कोरोनावायरस के कुल 1,700 मामलों का पता चला है, जिनमें से 639 ठीक हो गए हैं या पलायन कर गए हैं।

महाराष्ट्र में सबसे अधिक 510 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद दिल्ली (351), केरल (156), गुजरात (136), तमिलनाडु (121) और राजस्थान (120) हैं।

सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 33,750 ताजा मामलों के साथ भारत का कोविड टैली बढ़कर 3,49,22,882 हो गया, जबकि सक्रिय मामले बढ़कर 1,45,582 हो गए।


आंकड़ों से पता चलता है कि 123 और लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,81,893 हो गई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामले बढ़कर 1,45,582 हो गए हैं, जिसमें कुल संक्रमण का 0.42 प्रतिशत शामिल है, जबकि राष्ट्रीय COVID-19 वसूली दर 98.20 प्रतिशत दर्ज की गई है।

24 घंटे की अवधि में सक्रिय COVID-19 केसलोएड में 22,781 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दैनिक सकारात्मकता दर 3.84 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 1.68 प्रतिशत दर्ज की गई।

बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 3,42,95,407 हो गई, जबकि मामले की मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत दर्ज की गई।

राष्ट्रव्यापी COVID-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में प्रशासित संचयी खुराक 145.68 करोड़ से अधिक हो गई है।

भारत का COVID-19 टैली 7 अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख को पार कर गया था।

यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई।

भारत ने 4 मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के गंभीर मील के पत्थर को पार कर लिया।

123 नए लोगों में केरल के 78 और महाराष्ट्र के नौ लोग शामिल हैं।

देश में अब तक कुल 4,81,893 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 1,41,542, केरल से 48,113, कर्नाटक से 38,346, तमिलनाडु से 36,790, दिल्ली से 25,109, उत्तर प्रदेश से 22,916 और पश्चिम बंगाल से 19,781 मौतें शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता के कारण हुईं।

मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलान किया जा रहा है।” आंकड़ों का राज्यवार वितरण आगे सत्यापन और सुलह के अधीन है।