इस मुस्लिम देश की राजधानी बदलने की तैयारी, यह है वज़ह!

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इंडोनेशिया अपनी राजधानी को जकार्ता से कहीं और ले जा सकता है। ये घोषणा इंडोनेशिया के योजना मंत्री ने की है। बमबैंग ब्रोजेनेगोरो ने कहा कि राष्ट्रपति जोको विडोडो ने ‘एक अहम फैसले’ में राजधानी को दूसरी जगह ले जाने के बारे में कहा है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं। दुनिया के किसी दूसरे शहर की तरह लोग काम पर जाते हैं, घर आते हैं और वापस काम पर जाते हैं, हवा और पानी जैसी आम समस्याओं से दो चार होते हैं।

लेकिन, इस शहर में रहने वालों के पैरों तले जमीन खिसक रही है। और वो भी हर साल 25 सेंटीमीटर की दर से। बीते दस सालों में ये शहर ढाई मीटर जमीन में समा गया है लेकिन दलदली जमीन पर बसे इस शहर पर निर्माण कार्य लगातार जारी है।

इंडोनेशिया की ये मौजूदा राजधानी दुनिया में सबसे तेजी से डूबते शहरों में से एक है। दरअसल इंडोनेशिया दलदली जमीन के किनारे पर बसा है, जहां 13 नदियां एक दूसरे को काटती हैं।

पृथ्वी पर सबसे तेजी से डूबने वाले शहरों में से एक जकार्ता को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो इसका एक तिहाई हिस्सा 2050 तक डूब सकता है।

आधा जकार्ता समुद्र तल से नीचे है। इसकी मुख्य वजहों में से एक है पीने और नहाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ग्राउंडवाटर की निकासी। दशकों से भूजल भंडार के अनियंत्रित दोहन, समुद्र का बढ़ता जलस्तर और तेजी से बदलते मौसम इनके कारणों में शामिल है। इसके कुछ हिस्से अभी से गायब होने शुरू हो गए हैं।

मौजूदा पर्यावरणीय उपायों का बहुत कम प्रभाव पड़ा है। इसलिए सरकार कठोर कदम उठा रही है। इसके तहत देश की राजधानी को बदलने का फैसला किया गया है।

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इसके स्थान की घोषणा जल्द की जा सकती है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने ट्विटर पर कहा, ‘‘हमारे देश की राजधानी बोर्नियो द्वीप पर स्थानांतरित हो जाएगी।’’देश के प्रशासनिक और राजनीतिक केन्द्र को स्थानांतरित करना राष्ट्रीय संरक्षण का एक कार्य हो सकता है, लेकिन यह जकार्ता के लिए प्रभावी रूप से मौत की घंटी है।