अंतर्जातीय विवाह: कोर्ट के आदेश के बाद साथ रह सकेंगे अंजलि और इब्राहिम

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प्यार के लिए संघर्ष के दौर से गुजरने वाले एक शादीशुदा जोड़े ने साथ रहने के लिए डेढ़ साल की कानूनी लड़ाई लड़ी और आज का दिन उनके लिए बेहद खास रहा।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, पति-पत्नी को एक-दूसरे का साथ मिला और अब दोनों आगे की जिंदगी साथ-साथ गुजार सकेंगे।

छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले अंजली जैन और इब्राहिम खान ने गैर धर्म का होने के बावजूद एक दूसरे से प्यार किया और फिर जिंदगी भर साथ रहने की कसमें खाते हुए शादी कर ली, लेकिन अपने रिश्तेदारों और दुनियावालों को यह शादी नागवार गुजरी।

इस रिश्ते को लव जेहाद की संज्ञा दी गई और फिर अंजली के घर वालों ने दोनों को अलग कर दिया। मामला अदालत में पहुंचा और फिर नौ माह तक सखी वन स्टॉप सेंटर में कैदी जैसी जिंदगी गुजारने के बाद अंजली बुधवार को यहां की चाहरदीवारी से आजाद हुई। उसे वहां लेने उसके पति आए थे।

इस दौरान दोनों का मिलना बेहद भावुक पल की तरह था। दोनों की आंखें एक-दूसरे को देखकर भर जा रही थीं, लेकिन दोनों के चेहरे पर अनोखी खुशी से भरी मुस्कान भी दी।

डेढ़ साल तक चली कानूनी लड़ाई
करीब डेढ़ वर्ष तक चले इस कानूनी विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में अंजली को खुद की मर्जी से अपने भविष्य का चुनाव करने की आजादी दी है। अपने पति का साथ पाने के लिए अपने पिता से संघर्ष कर रही अंजली अब खुद की मर्जी से अपनी जिंदगी जी सकेगी।

सखी सेंटर से लेने पति इब्राहिम पहुंचे
बुधवार को अंजली की सखी सेंटर से रिहाई के दौरान उनके पति इब्राहिम उन्हें लेने पहुंचे थे। इस दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए परिसर को छावनी में तब्दील कर बड़ी संख्या में पुलिस बल की यहां तैनाती की गई थी। पुलिस की सुरक्षा के साए में अंजली और इब्राहिम एक-दूसरे से मिले और फिर एक-दूसरे का हाथ पकड़कर अपने घर की ओर चल पड़े।

इब्राहिम पर लगा था अपहरण का इल्ज़ाम
बता दें कि छत्तीसगढ़ में धमतरी के रहने वाले अंजली और इब्राहिम खान ने पिछले साल फरवरी में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। दो गैर मजहब के लोगों के बीच इस शादी को लेकर काफी विवाद पैदा हुआ। लड़की के घर वालों ने लड़की को बहकाने और उसका अपहरण करने का आरोप लड़की के पति पर लगाया था, लेकिन लड़की पति पर लगे इन आरोपों को नकारती रही और लगातार पति के साथ रहने की बात कहती रही थी।

अंजलि नौ माह से रहती थी सखी सेंटर में
अदालत में मामला लंबित होने के दौरान पीड़ित लड़की अंजली पिछले नौ माह से सखी सेंटर में रह रही थी। इस मामले में इब्राहिम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इब्राहिम ने कोर्ट में लगाई याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मामले के कानूनी पहलुओं को नजरअंदाज कर अपना फैसला दिया है।

छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में दी चुनौती
इसी दलील के आधार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इस याचिका में कहा गया है कि लड़का और लड़की बालिग हैं, दोनों पढ़े-लिखे हैं और एक-दूसरे को चाहते हैं। ऐसे में किसी को कानूनन क्या आपत्ति हो सकती है।