IPL -दिल्ली कैपिटल्स की सफ़लता के पीछे काम आया कैफ का फॉर्मूला ?

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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सालों से दिल्ली कैपिटल्स की टीम संघर्ष करती रही है लेकिन वे इतना शानदार कभी नहीं नजर नहीं आए जितना इस बार।

दिल्ली कैपिटल्स की टीम आईपीएल 2019 में बेहतरीन लय में नजर आ रही है और उसने प्लेऑफ में जगह भी बना ली है। वो कुछ समय के लिए अंक तालिका में शीर्ष स्थान भी हासिल करने में सफल रहे और घरेलू मैदान पर भी अपना दबदबा बनाने से नहीं चूके। आखिर ऐसा क्या हुआ इस बार कि दिल्ली की टीम अचानक आईपीएल खिताब के प्रबल दावेदारों में शामिल हो गई है। जाहिर तौर पर ये सिर्फ नाम बदलने से नहीं हुआ है।

शनिवार को अपने घर में खेले गए आखिरी मुकाबले में राजस्थान को मात देने के बाद टीम के फील्डिंग कोच मोहम्मद कैफ ने इस खास वजह से पर्दा उठाया। वहीँ कुछ लोग कैफ को ही इस सफलता के पीछे का असली हीरो मान रहे हैं.

राजस्थान को मात देने के बाद दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में घूमकर अपने फैंस को शुक्रिया कहा। आईपीएल इतिहास में ये पहला नजारा था जब दिल्ली कैपिटल्स की फैंस भी पूरे जोश में नजर आए क्योंकि वे भी जानते थे कि उनकी टीम ने इस बार कमाल कर दिया है। मैच के बाद जब मोहम्मद कैफ से पूछा कि आखिर इस टीम की किस्मत बदलने के पीछे का फॉर्मूला क्या है तो उन्होंने एक खास वजह की ओर इशारा किया। ये एक ऐसा फॉर्मूला है जो भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और पंटर के नाम से मशहूर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दिनों में अपनाया करते थे और आज जब ये दोनों दिल्ली के कोच हैं तो इसका असर आईपीएल में भी दिख रहा है।

मोहम्मद कैफ ने बताया कि इस बार उन्होंने फैसला किया कि टीम में बार-बार बदलाव नहीं किए जाएंगे। अगर कोई खिलाड़ी फ्लॉप भी होता है तो उसको हौसला दिया जाएगा ना कि सीधे टीम से बाहर कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि गांगुली और पोंटिंग भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दिनों में बार-बार टीम में बदलाव करने के पक्ष में नहीं रहते थे और वो इसी के जरिए एक मजबूत टीम व सफल कप्तान बनने में सफल भी रहे। कैफ ने कहा, ‘हमने मुख्य खिलाड़ियों का चयन कर लिया है जो हमें मैच जिताएंगे। एक-दो बार खराब प्रदर्शन से हमारी सोच नहीं बदलेगी। दिल्ली कैपिटल्स में इस बार सबसे बड़ा बदलाव यही है क्योंकि हमने फैसला लिया कि हम टीम में ज्यादा बदलाव नहीं करेंगे। ये टीम में असुरक्षा की भावना पैदा करता है अगर हम बार-बार खिलाड़ी बदलते रहेंगे वो जाते ही अपना सौ फीसदी नहीं दे सकते। हां, हम रणनीतियां बनाते हैं लेकिन जब एक बार वे मैदान पर उतरते हैं तो उनको फैसले लेने की पूरी आजादी होती है।’