ईरान पर अमेरिका ने बेहद कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं लेकिन फिर भी वह झुकने की बजाय और तन कर खड़ा हो रहा है. आखिर ईरान की अर्थव्यवस्था इतने प्रतिबंधों के बावजूद चल कैसे रही है. उसे कहां से कमाई हो रही है?
डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंधों के जरिए “अधिकतम दबाव” की नीति ने देश की तेल से होने वाली कमाई को बंद करा दिया है, अर्थव्यवस्था मंदी में चली गई है और राष्ट्रीय मुद्रा का भारी अवमूल्यन हो गया है.
बावजूद इसके ईरान अमेरिका के सामने सीना ठोंक कर खड़ा है, परमाणु कार्यक्रम पर सीमाओं को नहीं मान रहा है और मध्यपूर्व के विद्रोही गुटों को समर्थन जारी रखे हुए है.
ईरानी अधिकारी, कारोबारी लोग और विश्लेषक मान रहे हैं कि ईरान गैर पेट्रोलियम वस्तुओं के निर्यात और कर राजस्व में इजाफा कर इसकी भरपाई करने की कोशिश में है हालांकि सबसे ज्यादा वह वस्तु विनिमय (मुद्रा की बजाय वस्तुओं से व्यापार), तस्करी और पर्दे के पीछे के समझौतों पर भरोसा कर रहा है.
अमेरिका के बैंकिंग और वित्तीय प्रतिबंधों को तोड़ने के लिए ईरानी शासकों ने कारोबारियों, कंपनियों, एक्सचेंज और धन जमा करने वालों का एक नेटवर्क तैयार किया है. एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, “अमेरिका ईरान को अलग थलग नहीं कर सकता.
अगर वो हमारे तेल की बिक्री बंद करने में सफल हो जाते हैं जो कि वो होंगे नहीं तो हम कपड़ा, खाना, पेट्रोकेमिकल्स, सब्जियां आप जिसका भी नाम लेंगे वो बेचने लगेंगे.”
ईरानी अधिकारी, कारोबारी लोग और विश्लेषक मान रहे हैं कि ईरान गैर पेट्रोलियम वस्तुओं के निर्यात और कर राजस्व में इजाफा कर इसकी भरपाई करने की कोशिश में है हालांकि सबसे ज्यादा वह वस्तु विनिमय (मुद्रा की बजाय वस्तुओं से व्यापार), तस्करी और पर्दे के पीछे के समझौतों पर भरोसा कर रहा है.
अमेरिका के बैंकिंग और वित्तीय प्रतिबंधों को तोड़ने के लिए ईरानी शासकों ने कारोबारियों, कंपनियों, एक्सचेंज और धन जमा करने वालों का एक नेटवर्क तैयार किया है.
एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, “अमेरिका ईरान को अलग थलग नहीं कर सकता. अगर वो हमारे तेल की बिक्री बंद करने में सफल हो जाते हैं जो कि वो होंगे नहीं तो हम कपड़ा, खाना, पेट्रोकेमिकल्स, सब्जियां आप जिसका भी नाम लेंगे वो बेचने लगेंगे.”
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी