यह मुस्लिम देश इजरायल पर भारी पड़ रहा है!

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लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने आशूरा के दिन जूलूसों में जनता की व्यापक उस्थिति को, कर्बला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के एतिहासिक आवाज़ देने का जवाब क़रार दिया।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने मंगलवार को आशूरा के दिन अपने संबोधन में कहा कि प्रतिरोध, फ़िलिस्तीनी और यमनी जनता के साथ है। उन्होंने कहा कि जो कुछ दक्षिणी यमन में हो रहा है उससे पता चलता है कि सऊदी अरब और इमारात को केवल यमन के स्रोतों और धन दौलत की लालच है किन्तु यह युद्ध उनके लिए पराजय और उनके लिए एतिहासिक व हमेशा के कलंक के अतिरिक्त कुछ और नहीं होगा।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, सैयद हसन नसरुल्लाह ने ईरान और सीरिया के विरुद्ध अमरीकी प्रतिबंधों को अत्याचारपूर्ण क़रार दिया और कहा कि लेबनान और फ़िलिस्तीन में इस्राईली युद्धों में पराजय के बाद तथा लेबनान, सीरिया और इराक़ में तकफ़ीरी गुटों द्वारा अपने युद्ध में पराजय के बाद अमरीकी सरकार ने वित्तीय दबाव बढ़ाना शुरु कर दिया है।

उन्होंने कहा कि हि़ज़्बुल्लाह सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 1707 पर प्रतिबद्ध है और लेबनान तथा प्रतिरोध को यह हक़ हासिल है कि वह अपनी रक्षा करे और यदि एक बार फिर लेबनान पर हमला हुआ तो प्रतिरोध उचित ढंग से जवाब देगा और उसके लिए कोई रेड लाइन नहीं है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने इस्राईल को संबोधित करते हुए कहा कि वह सेना जिसके बारे में कल तक कहते थे कि अजेय है, आज इतनी कमज़ोर हो गयी कि हालीवुड की फ़िल्मों की नक़्ल करने लगी है और प्रतिरोध की जवाबी कार्यवाही के भय से अपनी गाड़ियों में पुतले रखकर, सीमा से फ़रार हो गयी।