ईरान ने कहा है कि उसके खिलाफ लंबे समय से चले आ रहे हथियारों के व्यापार पर लगे प्रतिबंध का अंत हो गया है और अब उसका हथियार खरीदने से ज्यादा बेचने का इरादा है।
डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, ईरान की घोषणा के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में 10 साल से भी ज्यादा पहले लगे प्रतिबंध का स्वतः ही रविवार को अंत हो गया, जैसा की 2015 में हस्ताक्षर की गई एक संधि की शर्त थी।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित यह समझौता ईरान ने दुनिया के छह बड़े देशों के साथ किया था और अमेरिका 2018 में इस से पीछे हट गया था। ईरान ने यह भी कहा कि अब उसका हथियार खरीदने से ज्यादा बेचने का इरादा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबजादे ने पत्रकारों से कहा, हथियारों के बाजार में खरीदार बनने से पहले, ईरान में हथियारों को बेचने की क्षमता है।
उन्होंने यह भी कहा, “बेशक, ईरान अमेरिका के जैसा नहीं है जिसके राष्ट्रपति यमन के लोगों के संहार के लिए घातक हथियार बेचने के लिए तत्पर रहते हैं।
उनका इशारा उन हथियारों की तरफ था जो सऊदी अरब ने अमेरिका से खरीदे हैं। सऊदी अरब यमन में ईरान के समर्थन वाले हूथी विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने वाले एक सैन्य गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है।
इस प्रतिबंध के अंत के बाद ईरान अब टैंक, बख्तरबंद वाहन, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और भारी सैन्य उपकरण खरीद और बेच सकता है।
खातिबजादे के अनुसार, ईरान जिम्मेदारी से पेश आएगा और दूसरे देशों को हथियार “अपने ही हिसाब से” बेचेगा।
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी