ईरानी ते टैंकर पर हमला: क्या इजरायल पनडुब्बी ने किया हमला?

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कुछ अटकलें हैं कि यह हमला इस्राईली पनडुब्बी से किया गया है। इस्राईल ने ईरानी तेल टैंकर पर दो मिसाइल फ़ायर करके खुली चुनौती दे दी है

अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागोन ने एलान किया है कि अमरीका थाड और पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और कई हज़ार सैनिक सऊदी अरब भेज रहा है।

बिल्कुल ज़ाहिर है कि फ़ार्स खाड़ी के इलाक़े में और लाल सागर के क्षेत्र में टकराव और लड़ाई के हालात बन रहे हैं। सऊदी अरब के बक़ैक़ और ख़ुरैस तेल प्रतिष्ठानों पर बीस मिसाइलों और ड्रोन विमानों से होने वाले बड़े हमले ने दरअस्ल इस इलाक़े में शक्ति का संतुलन और सामरिक समीकरण बदल दिए हैं।

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ईरान के साबीती तेल टैंकर को सऊदी अरब के जिद्दा शहर के सामने लाल सागर में दो मिसाइलों से निशाना बनाया गया यह अपने प्रकार का पहला हमला है। क्योंकि हालिया महीनों में जितने भी तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया उनमें एक भी ईरानी नहीं था।

ईरान की तेल कंपनी ने जो इस तेल टैंकर की मालिक है इस बात का खंडन किया है कि यह हमले सऊदी अरब की धरती से किए गए होंगे। यहीं से इस बारे में कई सवाल खड़े हो जाते हैं कि यह हमला किसने किया है?

कुछ अटकलें हैं कि यह हमला इस्राईली पनडुब्बी से किया गया है। इस्राईल ने ईरानी तेल टैंकर पर दो मिसाइल फ़ायर करके खुली चुनौती दे दी है। इस हमले के बाद टैंकर को अपना रास्ता बदलकर फ़ार्स खाड़ी लौटना पड़ा। पिछले वर्षों के दौरान इस्राईल ने सीरिया के भीतर कई बार ईरानी फ़ोर्सेज़ पर मिसाइल और हवाई हमले किए हैं अतः यह संभावना है कि उसने हमलों का दायरा बढ़ाकर लाल सागर में और शायद बाद में फार्स खाड़ी में कार्यवाही हमले शुरू कर दिए हों।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, एक विचार यह भी ज़ाहिर किया जा रहा है कि इस हमले में अमरीकी नौसेना लिप्त हो सकती है जिसने ओमान सागर में सऊदी अरब, इमारात और नार्वे के 6 तेल टैंकरों पर होने वाले हमले का इंतेक़ाम ईरान से लेने की कोशिश की होगी। ईरान अमरीका का ड्रोन विमान ग्लोबल हाक भी गिरा चुका है।

सऊदी अरब के बक़ैक़ तेल प्रतिष्ठान पर होने वाला हमला जिसने सऊदी अरब के तेल सेक्टर की कमर तोड़ दी और जिसकी ज़िम्मेदारी यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने स्वीकार की उससे सऊदी अरब का सारा रोब और दबदबा रेत की दीवार की तरह ढह गया और दूसरी ओर इस हमले ने अमरीकी राडार और मिसाइल डिफ़ेन्स व्यवस्था पर भी सवालिया निशाना लगा दिया।

ईरान ने औपचारिक तकनीकी जांच शुरू होने से पहले ही सऊदी अरब को इस हमले के मामले में निर्दोष बताकर यह संदेश दिया है कि वह इस समय जब एक ही दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान तेहरान पहुंचने वाले हैं, सऊदी अरब के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहता। वह अपने साथ सऊदी अरब का वार्ता का प्रस्ताव लेकर तेहरान पहुंच रहे हैं। ईरान के इस रुख से यह भी ज़ाहिर हो गया है कि ईरान को मालूम है कि हमले में कौन लिप्त हो सकता है।