ड्रोन तकनीक के मामले में यह मुस्लिम देश ने कैसे बाजी मारी?

   

विज्ञान व तकनीक के मामलों में राष्ट्रपति कार्यालय के डायरेक्टोरेट ने देश में ड्रोन टैकनाॅलोजी के विकास के लिए नई योजनाओं की ख़बर दी है।

विज्ञान व तकनीक विभाग के डायरेक्टोरेट में एयरो स्पेस तकनीक विभाग ने देश में ड्रोन उद्योग के अत्यधिक महत्व को मद्दे नज़र रखते हुए ड्रोन टैकनाॅलोजी का नैटवर्क बनाने की घोषणा की है और अपने एक बयान में कहा है कि देश में छात्रों की मदद से ड्रोन तकनीक को विकसित बनाया जाएगा।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, बयान में कहा गया है कि देश में ड्रोन टैकनाॅलोजी छात्रों की सहायता से ही इस स्थान तक पहुंची है। बयान के अनुसार ड्रोन टैकनाॅलोजी का यह नेटवर्क उद्योग, मेधावी छात्रों और ड्रोन क्षेत्र में सक्रिय नाॅलेज बेस्ड कंपनियों के बीच पुल का काम करेगा और उन्हें एक दूसरे से जोड़गा।

देश में ड्रोन टैकनाॅलोजी के इस नेटवर्क की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी नाॅलेज बेस्ड कंपनियों को सुविधाएं उपलब्ध कराना है ताकि वे आसानी से ड्रोन ख़रीद सकें और उनमें नई नई तकनीकें इस्तेमाल कर सकें।

यह नेटवर्क इन कंपनियों द्वारा बनाए गए चालक रहित विमानों के लिए मंडियां भी तलाश करने का काम करेगा। अगले चरणों में ईरान की इन नाॅलेज बेस्ड कंपनियों के बनाए हुए ड्रोनों का व्यापारीकरण करके उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में उतारा जाएगा