ISIS की स्थापना अमरीका और इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने की मुसलमानों ने नहीं : विकीलीक्स

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दुनिया का कुख्यात आतंकवादी संगठन जिसे आज पूरा विश्व जगत आईएसआईएस के नाम से जानता है। जोकि इस्लाम धर्म को बदनाम करने के लिए आतंकवाद और दहशत फैलाता है। इस संगठन को बहुत से लोग और बहुत से देश इस आतंकवादी संगठन को मुस्लिम आतंकी संगठन मानते है जोकि वास्तविकता से बहुत दूर है। विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे ने ऐसा खुलासा 2018 में कर चुका है जिसे पढ़कर प्रत्येक व्यक्ति अपने दांतो तले उगली दबाकर रहा है। आईए जानते है विकीलीक्स के संस्थापक ने क्या किया खुलासा था। ईराक़ और सीरिया के हिस्सों में अपने आतंक से सत्ता तक हथिया चुके इस संगठन को सीरिया और रूस की फौजों ने खदेड़ा है। ये एक ऐसा संगठन है जिसने पूरी दुनिया में आतंक फैलाया है।

ISIS मुस्लिम संगठन नहीं है
असांजे ने कहा है कि ISIS मुस्लिम संगठन नहीं है। वो कहते हैं कि इसकी स्थापना करने वाले भी मुसलमान नहीं थे और जो अब इसको चला रहे हैं वो भी मुसलमान नहीं हैं। विकीलीक्स के माध्यम से ये दावा किया गया है कि ISIS की स्थापना अमरीका और इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के द्वारा की गई थी और अब भी इसे यही चलाते हैं। ISIS के नाम पर ये कई देशों में आतंक फैलाते हैं और अपने राजनीतिक मक़सद इस तरह से साधते हैं।

इस खुलासे पर अमरीका और इजराइल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी। हालांकि कुछ जानकार काफी पहले से इसे अमरीका और इजराइल द्वारा चलाया गया आतंक बताते रहे हैं। जानकारों के मुताबिक़ अमरीका ही इस्लामी देशों में अस्थिरता का जिम्मेदार है। सीरिया में चले ग्रह युद्ध में अमरीका ने आतंकी संगठन अल-क़ायदा की भी मदद दी है। अमरीका ने यहां अल-कायदा के अल नुसरा फ्रंट को मदद दी है। कई एजेंसी ने इस तरह की खबरें दी हैं कि अल नुसरा फ्रंट के आतंकियों का इलाज अमरीकी सैन्य शिविरों में हो रहा है। आउट कुछ का इलाज इजराइल के बड़े अस्पतालों में भी हो रहा है। ये सभी बातें इस ओर इशारा करती हैं कि अमरीका और इजराइल आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं।