ग़ाजा सीमा पर इजरायल ने आयरन डोम एंटी मिसाइल सिस्टम तैनात किया!

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इस्राईल ने गज़्ज़ा से मिलने वाली सीमा के पास आयरन डोम एंटी मिसाइल सिस्टम को एक बार फिर लगा दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, इस्राईल ने एक बार फिर भड़काऊ कार्यवाही करते हुए गज़्ज़ा से मिलने वाली सीमा पर आयरन डोम सिस्टम को स्थापित किया है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, ज़ायोनी शासन द्वारा इस एंटी मिसाइल सिस्टम के लगाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए जेहादे इस्लामी फ़िलिस्तीन के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य शेख़ नाफ़िज़ एज़ाम ने कहा है कि फ़िलिस्तीन समस्या बहुत ही ख़तरनाक चरण में प्रवेश कर गई है।

फ़िलीस्तीनी केंद्र सूचना के अनुसार इस्राईली सेना ने फ़िलीस्तीनी प्रतिरोध संगठनों के साथ तनाव में वृद्धि के बाद आयरन डोम एंटी मिसाइल सिस्टम का एक प्लेट फार्म गज़्ज़ा से मिलने वाली अधिकृत फ़िलिस्तीन की सीमा के पास स्थित एक शहर में स्थापित किया है।

याद रहे कि यह सिस्टम ऐसे समय में स्थापित किया गया है कि जब वर्तमान संघर्ष के दौरान हमास और जेहादे इस्लामी संगठनों ने ऐसी रक्षा क्षमताएं दिखाई हैं जिसके बारे में इस्राईल कभी सोच भी नहीं सकता था इसीलिए किसी भी प्रकार की झड़प होने की स्थिति में फ़िलिस्तीनी संगठन अपनी क्षमताओं से इस्राईल को बार-बार हतप्रभ कर दे रहे हैं।

इस्राईल में अब यह बात हो रही है कि हमास और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों को पराजित करने के लिए इस्राईल को सड़कों और गलियों के भीतर युद्ध करना पड़ेगा और यह इस्राईली सैनिकों के लिए संभव नहीं है। क्योंकि फ़िलिस्तीनी संगठन हमास के संघर्षकर्ताओं की लड़ाई का अंदाज़ बिल्कुल अलग है और इस्राईली सैनिक जिस समय लड़ते हैं तो काफ़ी डरे हुए होते हैं।

इस बीच इस्राईली मिलिट्री इंटेलिजेंस के सरग़ना तामीर हीमैन ने भी चेतावनी दी है कि हालिया दिनों में गज़्ज़ा सीमा पर तनाव में वृद्धि और संघर्ष की संभावना बढ़ गई है।

दूसरी ओर, इस्राईली टीवी चैनल-7 ने कहा है कि इस्राईली सेना के प्रमुख एवी कोख़ावी ने गज़्ज़ा की सीमाओं पर ज़ायोनी सेना को मज़बूत करने की योजना बनाई है। एवी कोख़ावी ने एंटी बक्तरबंद मिसाइल और अन्य सैन्य उपकरण ख़रीदने का भी आदेश दिया है।

इस बीच जानकारों का मानना है कि जिस तरह इस्राईल आयरन डोम सिस्टम लगा रहा है और अपनी सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ अमरीका सहित पश्चिमी देशों और क्षेत्र के अरब देशों के साथ मिलकर अपनी स्थिति मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है।

उससे इस बात का ख़तरा बढ़ता जा रहा है कि मध्यपूर्व एक बड़े और निर्णायक युद्ध की ओर बढ़ रहा है। इस बीच जहां एक ओर इस्राईल ने धीरे धीरे क्षेत्र के अनेक अरब सरकारों की कमज़ोरियां खोज ली थीं और इस रणनीति के तहत उसने अरब सरकारों पर दबाव डाल कर अपनी मांगें मनवा लीं मगर दूसरी ओर एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि जनकेन्द्रित संगठन अस्तित्व में आ गए जिनकी क्षमताएं अपार हैं और जिनकी कमज़ोरियां तलाश कर पाना असंभव है क्योंकि वह एश्वर्य पूर्ण जीवन व्यतीत करने के बजाए बहुत सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं और शहादत के जज़्बे के साथ लड़ते हैं।