दसियों ज़ायोनियों ने मस्जिदुल अक़सा पर हमला किया और इस हमले में ज़ायोनी सैनिक भी शामिल थे।
फ़िलिस्तीनी सूत्रों ने घोषणा की है कि ज़ायोनी सैनिकों और ज़ायोनी कट्टरपंथियों ने मुसलमानों के पहले क़िब्ले मस्जिदुल अक़सा पर हमला करके एक बार फिर इस पवित्र स्थान का अनादर किया।
ज़ायोनी सैनिकों द्वारा बैतुल मुक़द्दस की इस्लामी और ईसाई पहचान को मिटाने के लिए मस्जिदे अक़सा पर निरंतर हमले किए जा रहे हैं।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, मस्जिदुल अक़सा और बैतुल मुक़द्दस के संबंध में ज़ायोनी सैनिकों की विस्तारवादी कार्यवाहियां ऐसी स्थिति में जारी हैं कि यूनेस्को ने 2016 में एक प्रस्ताव पास करके बैतुल मुक़द्दस के महत्वपूर्ण स्थानों विशेषकर मस्जिदुल अक़सा से यहूदियों के किसी भी प्रकार के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधो को रद्द कर दिया था।