25000 में विशेष दर्शन देने वाले ‘कल्क‍ि भगवान’ आश्रमों पर IT Raid, सैकड़ों करोड़ की अवैध संपत्ति बरामद !

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कल्कि भगवान के आश्रमों व मुख्य कार्यालयों में आयकर विभाग के छापेमारी जारी है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में एकसाथ ये छापे मारे जा रहे हैं। कल्कि भगवन का प्रधान आश्रम तमिलनाडु पुलिस की सुरक्षा में है।

छापामारी के दौरान कल्कि भगवान और उनकी पत्नी पद्मावती दोनों मौजूद नहीं थे। चेन्नई के नुंगंबाकम के मुख्य कार्यालय में कल्कि भगवान के बेटे कृष्णा और बहू प्रीति से आईटी अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।

दूसरी तरफ चित्तूर जिले के वरदय्यापालेम, बीएन. एंड्रिगा मंडलों में स्थित ऑश्रमों के ट्रस्ट के संचालक लोकेश दासोजी के साथ कुछ अन्य लोगों से गोपनीय स्थल पर पूछताछ की जा रही है। छापों में सैकड़ों करोड़ की अवैध संपत्ति का पता चला है।

अधिकारियों ने यह भी पता लगाया कि बेनामियों के साथ एक हजार एकड़ जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है। अब कल्कि ऑश्रम के भीतर मीडिया के प्रतिनिधियों को प्रवेश की अनुमति देने से इनकार किया।

इससे पहले भी कल्कि भगवान ऑश्रमों में जारी कार्यकलापों पर अनेक गंभीर आरोप लगते रहे हैं। ऑश्रम में भक्तों को नशीला पदार्थ खिलाकर उन्हें यौन उत्पीड़न के शिकार बनाने जैसे आरोप भी लगे है।

शुरू में थे LIC में क्लर्क

एलआईसी में क्लर्क के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने वाले विजय कुमार नायडू उर्फ कल्कि भगवान ने बाद में नौकरी छोड़कर एक शिक्षण संस्थान की स्थापना की। परंतु शिक्षण संस्थान का दिवालिया उठ गया तो वह भूमिगत हो गया। विष्णुमूर्ति के दसवें अवतार कल्कि भगवान बताते हुए विजय कुमार 1989 में फिर से चित्तूर में प्रकट हुआ।

स्पेशल दर्शन के लिए 25 हजार रुपए की फीस

तत्पश्चात उन्होंने अपने ऑश्रम के कार्यकलापों का विस्तार आंध्र प्रदेश सहित तमिलनाडू में किया। कल्कि भगवान अपने और पत्नी पद्मावती को दैव स्वरूप बताते थे। इन ऑश्रमों में देश के धनी लोगों के अलावा विदेशी और एनआरआई की कतारें लगती थी। कल्कि भगवान के साधारण दर्शन के लिए 5 हजार और विशेष दर्शन के लिए 25 हजार रुपए देने पड़ते थे।

कल्कि भगवान के साथ उनके बेटे कॉष्णाजी के खिलाफ सैकड़ों एकड़ जमीनों पर कब्जा कर रियल इस्टेट कारोबार करने की शिकायत के बाद 2010 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। उसी तरह, 2008 में चित्तूर जिले के कल्कि ऑश्रम में मची भगदड़ में पांच लोगों की मौत होने के अलावा कई लोग घायल हुए थे। इससे कुछ दिनों तक ऑश्रम बंद पड़ा था।