जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए फिर से अनुच्छेद 370 को दोबारा से लागू करने की मांग की है।
सिर्फ़ सच डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विरोध में बीजेपी 26 अक्टूबर को श्रीनगर से कुपवाड़ा तक तिरंगा यात्रा निकाल रही है।
इस दौरान कुपवाड़ा में बीजेपी कार्यकर्ता श्रीनगर के मशहूर लाल चौक पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की। जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ लिया।
ये सभी कार्यकर्ता कुपवाड़ा से हैं। इनमें से एक कुपवाड़ा बीजेपी का प्रवक्ता भी है।
स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी कुपवाड़ा यूनिट के कार्यकर्ता 26 अक्टूबर को श्रीनगर के लाल चौक स्थित घंटाघर पहुंचे। उन्होंने वहां तिरंगा फहराने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
एक स्थानीय न्यूज एजेंसी ‘कश्मीर न्यूज ऑब्जर्वर’ (केएनओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
पिछले दिनों महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जब तक कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो जाता और उन्हें जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस नहीं मिल जाता वो तिरंगा नहीं थामेंगी।
दरअसल, रिहा होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने ऐलान किया था कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे।
मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे।
पूर्व सीएम ने कहा कि वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है। इससे पहले 25 अक्टूबर को बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय ध्वज पर विवादित टिप्पणी को लेकर महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जम्मू में पीडीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
ये प्रदर्शन का दूसरा दिन था। जम्मू में पीडीपी के दफ्तर पर कुछ युवाओं ने तिरंगा फहराया था। इस दौरान महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई थी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए फिर से अनुच्छेद 370 को दोबारा से लागू करने की मांग की है। इसके लिए सभी पार्टियों ने एक गुपकार समझौता किया है।