राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे पर लगा कालेधन सफेद करना का आरोप!

   

कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने काले धन एवं टेक्स हेवन कंट्री के मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को घेरने का प्रयास किया है। जयराम का आरोप है कि एनएसए के बेटे विवेक डोभाल ने केमन आइसलैंड टेक्स हेवन कंट्री (कर मुक्त प्रदेश) में जो फंड लिया है, उसमें बड़ा घालमेल नजर आ रहा है।

आठ नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी होती है और उसके 13 दिन बाद विवेक डोभाल केमन आइसलैंड में जीएनवाई एशिया नाम से एक फंड लेते हैं।

खास बात, साल 2000 से लेकर 2017 तक केमन आइसलैंड से देश में आठ हजार तीन सौ करोड़ रुपये की एफडीआई आई है, जबकि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक आठ हजार तीन सौ करोड़ रुपया आ जाता है। जयराम रमेश ने आरबीआई से इस मामले की जांच कराने की मांग की है।

वीरवार को एक प्रेसवार्ता में जयराम ने कहा, जीएनवाई एशिया की इस एफडीआई में डोभाल की क्या भूमिका रही है, वे बतायें। यह मामला सीधे तौर पर भ्रष्टाचार से जुड़ा है। खुद अजीत डोभाल ने 2011 में यह मांग की थी कि टेक्स हेवन देशों में जमा राशि की मॉनीटरिंग होनी चाहिए।

उन्होंने इसके लिए फाइनेंसियल इंटेलीजेंस एजेंसी की मदद लेने की भी बात कही थी। आज वे सत्ता में हैं, लेकिन अपनी इस मांग को पूरा नहीं कर रहे हैं। डोभाल को यह बताना होगा कि 12 माह में इतनी ज्यादा एफडीआई कैसे आ गई, जो 17 साल में कभी नहीं आ सकी।

ये सब बातें आरबीआई की रिपोर्ट में दर्ज हैं। कौन पैसा लाया है या किसका पैसा लगा है, इन सब बातों का वजूद है। रमेश ने कहा, जीएनवाई एशिया के दो निदेशक हैं।

एक विवेक डोभाल और दूसरे डॉन डब्लू ई-बैंकस। ये नाम पनामा पेपर और पैराडाइज में भी देखे गए हैं। डोभाल के दोनों बेटों विवेक और शौर्य डोभाल के पास ही ज्यूस स्ट्रेटजिक मेनेजमेंट एडवाइजर का फंड भी है।

डोभाल बताएं कि जीएनवाई और ज्सूस का क्या रिश्ता है। कांग्रेसी नेता ने साफ किया है कि केमन आइसलैंड में फंड खोलना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन नोटबंदी के 13 दिन बाद फंड लेना और फिर एक साल में इतनी कमाई हो गई, जितनी 17 साल में नहीं हुई। ज्यूस फंड का नाम पैराडाइज और पनामा पेपर्ज में शामिल रहा है।

यहाँ से जीएनवाई को कितनी मदद मिली है, आरबीआई और डोभाल यह बताएं। क्या कहीं इस मामले में राउंड ट्रिपिंग तो नहीं हुई। देश का पैसा पहले बाहर गया और फिर वापस आ जाता है। एनएसए को इसका स्प्ष्टीकरण देना होगा। कांग्रेस पार्टी इस मामले की जाँच के लिए आरबीआई को पत्र लिखेगी।

साभार- ‘अमर उजाला’