पुलवामा हमले के बाद भारत और विश्व समुदाय के दबाव के कारण पाकिस्तान सरकार आतंकियों के खिलाफ कदम उठा रही है. पाकिस्तान ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) और खैराती इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया है. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय द्वारा आतंक निषेध कानून 1997 के तहत हाफिज के दोनों संगठनों पर बैन लगाया गया है. गौरतलब है कि हाफिज सईद ने अपने संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इन संगठनों को शुरू किया था.
पाकिस्तान सरकार के राष्ट्रीय आतंक विरोध प्राधिकरण (NCTA) की अपडेटेड वेबसाइट के अनुसार, जमात-उद-दावा और खैराती इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन संगठनों पर 5 मार्च को बैन लगाया गया है. दोनों संगठनों पर पिछले साल फरवरी में भी रोक लगाया गया था, लेकिन रोक की अवधि खत्म हो गई थी.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि मसूद अजहर के करीबी सहित प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के 44 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने कहा कि प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जा रही है.
मंत्री ने कहा कि नए पाकिस्तान में कानून का राज स्थापित होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित संगठनों के 44 सदस्यों को हिरासत में लिया गया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में मुफ्ती अब्दुर राउफ और हम्माद अजहर भी शामिल है.
इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा निर्दिष्ट सभी प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लोगों और इकाईयों के खिलाफ प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के लिए प्रक्रिया को कारगर बनाने का आदेश जारी किया था.