कोविड- 19: जमात- ए- इस्लामी ने घरों से नमाज़ अदा करने की हिदायत दी!

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कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. शहरों और राज्यों को लॉकडाउन करना भी इसी दिशा में उठाया गया एक जरूरी कदम है।

 

इसी को देखते हुए जमात-ए-इस्लामी हिंद ने एक हिदायत जारी की है। हिदायत के मुताबिक मस्जिदों में अब कुछ दिन के लिए सिर्फ 6 से 8 लोग ही नमाज़ पढ़ेंगे।

 

मोहल्ले के दूसरे लोग अपने-अपने घरों में नमाज़ पढ़ेंगे। इतना ही नहीं जुमा की नमाज भी मस्जिदों में सिर्फ यही 6 से 8 लोग पढ़ेंगे। यह हिदायत जमात-ए-इस्लामी हिंद, शरीया काउंसिल की ओर से जारी की गई है।

 

जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रेसीडेंट मौलाना सदातउल्लाह हुसैनी और शरीया काउंसिल के प्रेसीडेंट मौलाना सैय्यद जलालउद्दीन उमरी ने हिदायत जारी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव को देखते नमाज़ के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

 

इसमें एक जरूरी कदम यह है कि मस्जिद में अब कुछ दिनों के लिए इमाम, मुआज्ज़िम, मस्जिद से जुड़ी कमेटी के लोग और खादिम ही नमाज़ पढ़ेंगे। रोज़ाना की तरह से मस्जिद में अज़ान होगी, लेकिन मोहल्ले और कॉलोनियों के लोग घरों में ही नमाज़ पढ़ेंगे। इसी तरह से जुमा की नमाज़ भी अदा की जाएगी।

 

जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रेसीडेंट मौलाना सदातउल्लाह हुसैनी ने जारी हुई गाइडलाइन में यह हिदायत भी दी गई है कि मस्जिद को सैनिटाइज़ किया जाए।

 

मेडिकल एक्सपर्ट की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पालन करते हुए मस्जिद की साफ-सफाई की जाए। मस्जिद में नमाज़ पढ़ने वाले लोग खुद भी डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से मौजूदा हाल में खुद का बचाव करें।

 

प्रेसीडेंट मौलाना सदातउल्लाह हुसैनी ने कहा है कि देश के बहुत सारे राज्यों और शहरों में लॉकडाउन का ऐलान किया जा चुका है। सभी लोगों को घरों में ही बैठने का फरमान सुनाया गया है।

 

ऐसे में उन लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जो रोज़ बाज़ार में जाकर कमाते और फिर परिवार का पेट भरते हैं। इसलिए अपने-अपने मोहल्ले में इस बात का ख्याल रखें कि हर जरूरतमंद की ऐसे वक्त में मदद करें। सदका और ज़कात देते रहें।

 

साभार- न्यूज़ 18 हिन्दी