अब्दुल हमीद अंसारी, मोतिहारी/चकिया: मौजूदा दौर में मुस्लिम समाज की स्थिति क्या है, यह किसी से छिपा नहीं है. खासकर भारतीय मुसलमानों के हालात हर लिहाज से लगातार गिरावट की ओर है. शिक्षा से लेकर उनके रहन- सहन या वित्तीय परिस्थितियां प्रभावित हो रही है. इस्लामिक विद्वान इन कारणों को इस्लाम से दूरियां बताते आएं हैं. अगर देखा जाए तो भारतीय मुसलमानों में क़ुरआन और इस्लाम का दखल बेहद कम देखा जाता रहा है.
इस समाज में सुधार को लेकर पूर्वी चम्पारण के चकिया स्थित जमा मस्जिद में जमात- ए- इस्लामी हिन्द ने एक प्रोग्राम का आयोजन किया. प्रोग्राम को कामयाब और बेहतर बनाने में जनाब राशिद जमाल का अहम रोल रहा.
इस प्रोग्राम में जमात से जुड़े विद्वानों ने अपनी-अपनी बातों को पेश किया. प्रोग्राम की शुरुआत क़ुरआन ए पाक पढ़कर शुरु की गई.
मौलाना दस्तगीर नदवी की स्पीच
मौलाना दस्तगीर नदवी ने बताया कि अल्लाह के नज़दीक वो लोग हैं, जो अल्लाह और उसके रसूल के बताए गए रास्ते की पैरवी सच्चे दिल से करते हैं और अपने दिलों को कुफ्र, शिर्क और छल कपट से पाक रखते हैं.
इंजिनियर अज़मल राशिद
इन्जीनियर अज़मल राशिद ने बयान कि हज़रत मोहम्मद की दाइयाना तड़प के उन्वान से एक बेहतर खिताब किया. आधुनिक दौर में मुल्क और समाज के नये चैलेंज के बीच लोगों की तबियत क्यों और कैसे की जाए.
अब्दुर रशीद बर्क़
अमर ए जमात अब्दुर रशीद बर्क़ ने अपने बयानों के जरिए समाज को खास मैसेज देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हमें अपने समाज में सुधार लाने की कोशिश खूद करनी होगी
मौलाना अअब्दुल सत्तार रहमानी
मौलाना अब्दुल सत्तार रहमानी ने प्रोग्राम को खिताब करते हुए कहा कि ब्याज पूरे तौर पर इस्लाम में हराम है. और सात लोगों के खून करने वाले गुनाहों में से एक गुनाह ये भी है.
इस पप्रोग्राम में शामिल होने वाले खास लोग
जनाब खुर्शीद इमाम सामाजिक कार्यकर्ता और डेंटल सर्जन डॉक्टर अल्ताफ इकबाल, डॉ नसीम अहमद, इंजीनियर अकमल राशिद, राशिद प्रिंस, मौलाना मोहम्मद माहताब क़ासमी, मौलाना सरफराज कासमी, इंजीनियर दानिश नोमानी, पत्रकार मास्टर इक़बाल, ज़मीरुद्दिन अंसारी, मोहम्मद मुजतबा मिस्बाही, क़ारी अली इमाम, मेंहदी हसन, अबदुस समी अंसारी, महमूद आलम ज़ख्मी, नैयुद्दिन अंसारी शामिल रहें.
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