जामिया मिलिया इस्लामिया में संस्कृत में एमए और बीए ऑनर्स की पढ़ाई उपलब्ध!

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मोदी सरकार संस्कृत भाषा को बढ़ावा दे रही है। इसका मकसद संस्कृत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष पहचान दिलवाना है। इसी के तहत जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी संस्कृत में एमए और बीए ऑनर्स की पढ़ाई का मौका उपलब्ध करवा रही है।

संस्कृत में डिग्री प्रोग्राम के साथ सर्टिफिकेट प्रोग्राम में दाखिले के लिए 15 सितंबर तक मौका उपलब्ध है। हालांकि सीट संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर मिलेगी।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रबंधन के मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2019-20 के तहत बीए ऑनर्स और एमए प्रोग्राम में संस्कृत में ऑनलाइन दाखिला आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं।

इसके अलावा संस्कृत भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स का मौका भी उपलब्ध करवाया गया है। डिग्री प्रोग्राम व संस्कृत भाषा में सर्टिफिकेट प्रोग्राम में दाखिले के लिए इच्छुक छात्र 15 सितंबर तक साढ़े पांच सौ रुपये फीस के साथ आवेदन कर सकते हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा 22 सितंबर को आयोजित होगी।

इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संस्कृत को बढ़ावा देने के मकसद से तीन डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में तब्दील करने की योजना बनाई है। इसे वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की मंजूरी मिल चुकी है।

उम्मीद है कि अक्तूबर तक विधि मंत्रालय से मंजूरी मिलने के साथ ही तीनों केंद्रीय विश्वविद्यालयों के ड्राफ्ट का प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा। इसी के साथ शीतकालीन सत्र में तीन पहले केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों को मंजूरी मिल जाएगी।

कोरियन भाषा में बीए ऑनर्स और यूनानी फार्मेसी में डिप्लोमा प्रोग्राम
जामिया में कोरियन भाषा में बीए ऑनर्स और यूनानी फार्मेसी में यूनानी डिप्लोमा में दाखिला आवेदन खिड़की भी खुली है।

इसके अलावा छात्रों के पास एमए कम्पैरटिव रीलिजन में भी दाखिले का मौका उपलब्ध है। इच्छुक छात्र साढ़े सात सौ रुपये दाखिला फीस के साथ पंद्रह तक आवेदन कर सकेंगे।

कोरियन डिग्री प्रोग्राम में संयुक्त प्रवेश परीक्षा 22 सितंबर और डिप्लोमा इन यूनानी फार्मेसी व एमए कम्पैरटिव रीलिजन की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 21 को आयोजित होगी।