जामिया छात्र को मिला जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत!

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माकपा नेता सीताराम येचुरी को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने की सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने येचुरी को इजाजत देते हुए उन्हें हिदायत भी दी कि वह अपने दौरे का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्य के लिए न करें।

येचुरी बृहस्पतिवार को कश्मीर दौरे पर जाएंगे और अपनी पार्टी के सहयोगी और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलेंगे और उनकी सेहत का हाल मालूम करेंगे। तारिगामी फिलहाल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद हैं।

शीर्ष कोर्ट में येचुरी के दौरे पर सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने येचुरी की याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा, तारिगामी को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली है और वह ऐसे शख्स नहीं है कि वह लापता हो जाएंगे। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा, जेड हो जेड प्लस सुरक्षा, इस देश का कोई नागरिक अगर वहां जाना चाहता है और अपने दोस्त या पार्टी सहयोगी से मिलना चाहता है तो आपको तकलीफ क्यों हो रही है?

कोई नागरिक देश के किसी हिस्से में जाना चाहता है तो उसे यह हक है। दरअसल, मेहता ने कहा था कि येचुरी के जाने से कश्मीर के हालात पर खराब असर पडे़गा और यह मुद्दा राजनीतिक हो सकता है। वह भी तब जब हालात सामान्य हो रहे हैं।

वहीं, कोर्ट ने येचुरी को कहा, हम आपको वहां जाने की इजाजत देते हैं, मगर आपने अपने सहयोगी से मिलने के अलावा किसी और गतिविधि करने की चूक की तो यह हमारे आदेश का उल्लंघन माना जाएगा।

इस पर येचुरी के वकील राजू रामचंद्रन ने कहा, हम निर्देश का पूरा पालन करेंगे और इस बारे में एक शपथपत्र भी देंगे। बाद में येचुरी ने मीडिया से कहा, मेरे वहां से लौटने के बाद यह केस फिर आगे चलेगा। दौरे में जो भी जरूरी होगा, वह हम करेंगे।

उन्होंने कहा, कश्मीर से लौटने के बाद सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दूंगा। माकपा नेता ने अनुच्छेद 32 के तहत यह याचिका दी थी, जिसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति को कहीं भी जाने का अधिकार है और यह मूल अधिकारों के तहत आता है।

उल्लेखनीय है कि माकपा के नेता दो बार कश्मीर जाने की कोशिश कर चुके हैं। दोनों बार ही येचुरी को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही लौटा दिया गया था। एक दौरे में भाकपा के महासचिव डी राजा और उनका प्रतिनिधिमंडल भी साथ था।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के एक कानून के छात्र को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में अपने माता-पिता से मिलने के लिए जाने की इजाजत दे दी। साथ ही कोर्ट ने पुलिस को छात्र को सुरक्षा मुहैया कराने का भी निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने छात्र मोहम्मद अलीम सैयद को माता-पिता से मिलकर आने के बाद एक हलफनामा भी देने को कहा। पीठ ने वरिष्ठ वकील संजय हेगडे़ से कहा, अगर जामिया का छात्र अनंतनाग जाना चाहता है तो उसे कोर्ट का आदेश एक घंटे के अंदर मुहैया कराएं।

सैयद ने वकील मृगांक प्रभाकर के जरिए अपनी याचिका में कहा कि वह अनंतनाग का स्थायी निवासी है और बीते 4-5 अगस्त से उसे अपने माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। सैयद ने कहा, उसे अंदेशा है कि उसके माता-पिता को नजरबंद किया गया है।