कश्मीर से लद्दाख क अलग कर तीसरे संभाग का दर्जा दिया गया!

   

राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को एक बड़ा, एतिहासिक और प्रशासकीय फैसला लेते हुए लद्दाख को कश्मीर संभाग से अलग कर एक नए संभाग का दर्जा प्रदान कर दिया है। अब राज्य में दो नहीं बल्कि तीन संभाग होंगे। जम्मू, कश्मीरी व लद्दाख संभाग। तीनों की मंडल स्तरीय प्रशासकीय इकाइयां होंगी।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, लद्दाख संभाग (डिवीजन) में लेह व कारगिल जिला होंगे। एक मंडलायुक्त और आइजीपी जल्द ही लद्दाख में नियुक्त किया जाएगा। राज्य प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लद्दाख के लिए अब प्रशासकीय व राजस्व डिवीजन भी अलग होंगे, जिनका मुख्यालय लेह में ही होगा।

लद्दाख के लिए मंडलायुक्त लेह और महानिरीक्षक राज्य पुलिस लेह के पद भी सृजित किए गए हैं। इसके साथ ही योजना, विकास एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव के नेतृत्व में एक समिति भी बनाई गई है।

यह समिति नवगठित लद्दाख डिवीजन में विभिन्न विभागों के मंडल स्तर के पदों को चिन्हित करने के अलावा विभिन्न विभागों के स्टाफ की व्यवस्था, जिम्मेदारियों और कार्यालयों की जगह को भी चिन्हित करेगी।

लद्दाख को अलग संभाग बनाए जाने के सरकारी आदेश में कहा गया है कि यह फैसला लद्दाख के लोगों की प्रशासन व विकासीय आकांक्षाओं को पूरा करने में दूरगामी साबित होगा। लद्दाख को संभाग बनाने के मुद्दे पर विभिन्न वर्गो से बातचीत हुई है। लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद लेह व करगिल ने भी इसकी मांग की है।

बर्फीला रेगीस्तान कहलाने वाला लद्दाख प्रांत राज्य का सबसे ऊंचा पठार है, जो समुद्रतल से करीब 9800 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। लद्दाख में जनसंख्या का घनत्व बहुत ही कम है और यह अत्यंत भीषण भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है।

साल में लगभग छह माह तक सर्दियों में शेष दुनिया से कटे रहने वाला लद्दाख विकास की दृष्टि में देश के पिछड़े इलाकों में एक है। स्थानीय लोगों को अक्सर अपने मुद्दों और प्रशासकीय मामलों के लिए कई दुश्वारियों को सामना करना पड़ता है।