जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में साहित्योत्सव ‘जश्न-ए-अदब’ का आगाज़

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जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में शुक्रवार से शेरो-शायरी और कविताओं के साहित्योत्सव ‘जश्न-ए-अदब’ का आगाज हो गया। तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव के पहले दिन फिल्म अभिनेता अली फजल और अभिनेता पंकज त्रिपाठी की मौजूदगी ने छात्रों में मिर्जापुर वेब सीरीज की याद दिलाई।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इस मौके पर नामी फिल्मकार एवं कथाकार मुजफ्फर अली और कथाकार एवं लेखक अशोक चक्रधर की मौजूदगी ने साहित्य प्रेमियों में उत्साह भर दिया।

बहरहाल दो पीढ़ियों के बीच साहित्य के संगम से लबरेज इस साहित्योत्सव में दोनों पीढ़ियों को नजदीक लाने पर जोर देने की कवायद की गई।

जश्न-ए-अदब उत्सव का आयोजन जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. सयेद एहतेशाम हुसनैन द्वारा किया गया। साहित्योत्सव के मंच पर कार्यक्रम की शुरुआत साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करके की गई।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उत्कृष्ट कार्य के लिए राजेश रैना, प्रिंट मीडिया में उत्कृष्ट कार्य के लिए आलोक मेहता, उर्दू उपन्यास के लिए प्रो. बेग ऐहसास और भारतीय थियेटर जगत में बेहतर भूमिका निभाने के लिए प्रो. राज बिसारिया को सम्मानित किया गया।

वहीं इस मौके पर उपस्थित अतिथियों द्वारा लेखक खुशबीर सिंह शाद की पुस्तक ‘हवा पत्ते उड़ाती जा रही है’ का विमोचन किया गया। इस मौके पर पुस्तक में पेश की कई कविताओं का मंचन भी किया गया।

वहीं कथा शिखर सम्मान से डॉ. सचिदानंद जोशी को नवाजा गया। उन्होंने कहा कि जामिया हमदर्द के इस प्रयास से साहित्य को बढ़ावा मिलेगा और ऐसे आयोजनों से छात्रों का भी ज्ञानवर्धन होगा।

इस चर्चा का संचालन पत्रकार अभिज्ञान प्रकाश ने किया। चर्चा में थियेटर और सिनेमा के पहलुओं को समझाने के लिए पुराने समय के सास-बहू वाले टीवी सीरियल की तुलना वर्तमान में चल रही मिर्जापुर जैसी वेब सीरीज से की गई।