तीन-तलाक़ पर जेडीयू का स्टैंड: क्या मुसलमानों के साथ धोखा देंगे नीतीश कुमार?

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जेडीयू आधी आबादी के सशक्तिकरण और समाज सुधार पर जोर देती है, लेकिन ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर पार्टी का रुख बिल्कुल अलग है। अब इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।

सहयोगी बीजेपी का कहना है कि जेडीयू अभी भले ही अलग रुख अख्तियार कर रही है, लेकिन एक दिन उसको साथ आना होगा। जबकि, विपक्षी दल जेडीयू और बीजेपी के बीच ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मतभेद पर तंज कस रहे हैं. दोनों की दोस्ती को बेमेल बता रहे हैं।

ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर बीजेपी का स्टैंड जेडीयू से अलग है। लोकसभा में ये देखने को भी मिला, अब बिल राज्यसभा में जायेगा, जहां सरकार की असली परीक्षा होगी।

लेकिन इससे इतर महिलाओं के हित की बात करनेवाली जेडीयू जो ट्रिपल तलाक बिल पर जो रुख अख्तियार किया है, आखिर उससे क्या उन महिलाओं का भला होगा, जो ट्रिपल तलाक का शिकार होती है। इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि अभी भले ही जेडीयू अलग रुख अपना रही है, लेकिन एक दिन उसको हमारे साथ आना होगा।

बीजेपी से अलग जेडीयू नेता कह रहे हैं कि हमारा स्टैंड साफ है, जहां तक महिलाओं और समाज सुधार की बात है, तो हमारी सरकार ने जितना काम किया है, उतना देश के किसी राज्य के सरकार ने नहीं किया है।

जेडीयू नेता अपने स्टैंड की दुहाई दे रहे हैं, तो कांग्रेस उसके रुख का समर्थन कर रही है, जबकि राजद के नेता पूछ रहे हैं कि जेडीयू और बीजेपी का रिश्ता क्या कहलाता है। ट्रिपक तलाक के मुद्दे पर जेडीयू भले ही अपने रुख को सालों पुराना बता रही है, लेकिन समय के साथ चीजें बदलती भी हैं।

ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में आयी बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते आगे कैसे बढ़ते हैं, ये देखनेवाली बात होगी, क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर दोनों दलों के बीच पहले ही दरार पड़ी है।