JDU ने लिया यू- टर्न, कहा- NRC और CAA पर आम सहमति बनाने की जरूरत

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जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि किसी पार्टी का एजेंडा देश का एजेंडा नहीं हो सकता। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि जब सरकारें संयुक्त रूप से होती हैं तो एजेंडा सामूहिक होता है, किसी एक दल का नहीं।

डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) जैसे मुद्दों पर आम सहमति बनाने की जरूरत है। सभी स्टेक होल्डरों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।

त्यागी ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर एनडीए में विमर्श की व्यवस्था होनी चाहिए। साझेदार दलों से विचार विमर्श से निष्कर्ष पर पहुंचना उचित होगा।

एनडीए में अपने सहयोगियों से संवाद बढ़ाने की जरूरत है। समान विचार के दलों से विचार-विमर्श तो हो ही, किसी मुद्दे को लाने के पहले विपक्ष से भी विमर्श होना चाहिए, यही तो भारतीय लोकतंत्र की खूबी है।

वरिष्ठ जदयू नेता ने कहा कि बिहार में एनआरसी की कोई जरूरत नहीं है। कुछ लोग बिहार में एनआरसी लागू करने की बेसिर-पैर की बात कर रहे हैं। न तो यहां रजिस्टर बना है, न ही केन्द्र की सरकार ने और न ही सुप्रीम कोर्ट ने लागू करने को कहा है।

त्यागी ने कहा कि सिटीजन रजिस्टर तो असम का बना था। असम में आसू का जो आंदोलन हुआ और जो राजीव गांधी पैक्ट हुआ था, उसके आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने एक कमीशन का गठन किया। कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक 19 लाख लोग ऐसे थे जिनके पास नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं था। इनमें 15 लाख हिन्दू हैं।

असम के मुख्यमंत्री ने ही जब एनआरसी लागू करने से मना कर दिया तो बिहार में लागू कैसे हो सकता हैं? गौरतलब है कि त्यागी का यह बयान तब आया है जब बिहार समेत पूरे देश में सीएए और एनआरसी, इन दो मुद्दों पर इसका विरोधी तबका सड़कों पर उतरकर अपने गुस्से का इजहार कर रहा है।