यहूदी मारे-मारे फिरते थे, भारत है जहां ठिकाना मिला- मोहन भागवत

   

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। यहूदी मारे-मारे फिरते थे, अकले भारत है जहां उन्हें ठिकाना मिला। उन्होंने कहा कि पारसियों की पूजा और मूल धर्म संस्कृति केवल भारत में है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, संघ प्रमुख ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान भारत में हैं, क्योंकि हम हिंदू हैं। यह बात भुवनेश्वर में एक समारोह को संबोधित करते हुए कही।

मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस सिर्फ हिंदू समाज को नहीं बल्कि संपूर्ण समाज को व्यवस्थित करने के लिए काम कर रहा है। बेहतरी के लिए समाज को बदलाव की जरूरत है, वहीं समाज में प्रत्येक व्यक्ति को बदलना असंभव है।

भागवत ने कहा कि देश को समाज में बदलाव कर बदला जा सकता है। यहां बुद्धिजीवियों से वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि तो सही तरीका ये है ऐसा सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति तैयार किया जाए जो समाज और देश में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।

आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि इस दौरान भागवत 15-20 अक्टूबर के बीच अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में शामिल होंगे, जहां विभिन्न राज्यों और मान्यता प्राप्त समूहों के पदाधिकारी शामिल होंगे। आरएसएस की सर्वोच्च नियामक इकाई अपनी वार्षिक बैठक ओडिशा में पहली बार आयोजित कर रही है।