झारखंड: करीब 15 फीसदी मुस्लिम, 14 सीटों पर लड़ रहे हैं ओवैसी!

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महाराष्ट्र की दो सीटों और बिहार में किशनगंज में जीत दर्ज कर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पहली बार हैदराबाद से बाहर भी अपनी उपस्थिति का एहसास राजनीतिक दलों को करा रहे हैं।

न्यूज़ डेली पर छपी खबर के अनुसार, झारखंड में पार्टी ने 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। ओवैसी खुद इनका प्रचार कर रहे हैं। उनकी सभाओं में भीड़ देखकर गठबंधन के सिर पर बल ला रहा है।

हालांकि अल्पसंख्यकों के पुराने वोटिंग ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद यही की जा रही है कि यहां के वोटर जिताऊ उम्मीदवार पहले देखते हैं। सभाओं की भीड़, वोटों में तब्दील हो यह आसान नहीं। पर, अगर यह भीड़ वोटों में तब्दील हुई तो ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) झारखंड में भी डार्क हॉर्स साबित हो सकता है।

गढ़वा, विश्रामपुर, हजारीबाग, बरकट्‌ठा, बोकारो, धनवार, लातेहार डुमरी, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, राजमहल, सारठ, मधुपुर, लोहरदगा में एआईएमआईएम ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं।

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष हुब्बान मलिक के अनुसार झारखंड में अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय है। मॉब लिंचिंग, नक्सल के नाम पर अल्पसंख्यकों से अत्याचार सबसे ज्यादा है।

अल्पसंख्यकों के साथ लगातार घटनाएं हो रही हैं। इनके लिए सबसे कम बजट भी झारखंड में है। जबकि राजनीतिक समीकरण ऐसे हैं कि प्रदेश की 81 में 38 सीटों पर अल्पसंख्यक व दलित प्रत्याशियों की जीत-हार में ये निर्णायक भूमिका में हैं। इसी समीकरण को देखते हुए पार्टी ने यहां से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।

झारखंड में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 15 प्रतिशत है, पर यहां सत्ता में इनकी भागीदारी केवल ढाई प्रतिशत ही है, जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में सोलह प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और इनके 24 विधायक हैं।

जामताड़ा (38%), पाकुड़ (35.8%), जमशेदपुर वेस्ट (30%) राजमहल (34.6%), गोड्‌डा (27%), मधुपुर (25%) जैसे विधानसभा क्षेत्र में ये निर्णायक भूमिका में हैं। कम वोट के बावजूद इनकी एग्रेसिव वोटिंग होती है। इस बार चुनाव में महगामा, राजधनवार, विश्रामपुर, गढ़वा, धनबाद की सीटों पर एक अलग कोण बनाए हुए हैं।