बिहार के हालिया विधानसभा उपचुनाव में सीमांचल की एक सीट हासिल करने वाले एआइएमआइएम के सदर असद्दुदीन ओवैसी की महत्वाकांक्षा बढ़ी है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव के ऐन पहले राज्य का दौरा कर संभावनाओं पर गौर किया और 14 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए।
नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता
आरंभ में ओवैसी को नजरंदाज करने की कोशिश की गई, लेकिन एक के बाद एक चार चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद राजनीतिक गलियारे में अब यह महसूस किया जाने लगा है कि वे कई सीटों का समीकरण बिगाड़ सकते हैैं।
क्या बिगाड़ देगी खेल?
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैैं कि सीधी लड़ाई भाजपा और विपक्षी गठबंधन के बीच है। अल्पसंख्यकों का भरोसा विपक्षी गठबंधन पर है, ऐसे में एआइएमआइएम महज वोटकटवा बनकर रह जाएगी।
RJD का ओवैसी पर निशाना
राजद नेता तेजस्वी यादव भी अपनी सभाओं में ओवैसी पर निशाना साधते हैैं और उन्हें भाजपा का एजेंट बताते हैैं। लेकिन, ओवैसी इन तमाम राजनीतिक आरोपों को दरकिनार करते हुए अपनी मुहिम में जुटे हैैं। उनकी नजर अल्पसंख्यकों मतों पर है, जो कई सीटों पर हार-जीत के लिए खासा मायने रखती है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना
ओवैसी अपनी सभाओं में भाजपा और कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लेते हैैं। अपनी सभाओं में ओवैसी तर्कपूर्ण तरीके से अपनी बातों को रखते हुए कहते हैैं- अब डर से नहीं, नई उम्मीद और अपनी बराबरी के हक के लिए वोट करना है।
मैैं तुम्हारी आवाज को मजबूत बनाने आया हूं। मैैं तुम्हारे इत्तेहाद को मजबूत बनाने आया हूं। दिलों को जोडऩे आया हूं। मैैं आपको लीडर बनाने आया हूं।
ओवैसी की रैलियों में मुस्लिम युवाओं की भीड़
ओवैसी की सभाओं में मुस्लिमों खासकर युवाओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जो एक तरफ विपक्षी गठबंधन, जिसकी नजर अल्पसंख्यक वोट पर है, को असहज कर रही है। वहीं, भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण के लिए पर्याप्त है। जिन 14 सीटों पर ओवैसी ने प्रत्याशी दिए हैैं, वहां वे चुनावी गणित को बिगाडऩे का माद्दा रखते हैैं।
यहां से लड़ रहे हैं AIMIM प्रत्याशी
विश्रामपुर, गढ़वा, जमशेदपुर पश्चिम, धनवार, मांडू, हजारीबाग, बरकट्ठा, गांडेय, मधुपुर, महगामा, राजमहल, सारठ, बोकारो और डुमरी।