CAA से एक भी झारखंड का व्यक्ति उजड़ता है तो लागू नहीं होगा- हेमंत सोरेन

,

   

झारखंड के भावी मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मोदी सरकार के CAA को लेकर बड़ी बात कही है।

उन्होंने कहा है कि वो संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विवरण का अध्ययन करेंगे और यदि इसकी वजह से उनके राज्य से कोई एक भी झारखंडी व्यक्ति उजड़ता है तो इसे लागू नहीं किया जाएगा।

विधानसभा चुनाव में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन का नेतृत्व करने वाले सोरेन ने यह भी कहा कि उन्होंने सीएए और संभावित एनआरसी के बारे में गहन अध्ययन नहीं किया है अब वो इनकी ‘समग्र समीक्षा’ करेंगे इसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे।

आपको बता दें कि विपक्षी दलों के शासन वाले कई राज्यों में विवादास्पद नागरिकता कानून को लागू नहीं करने की बातें सामने आ चुकी है।

अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के लिये मोदी सरकार की कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एनपीआर लागू करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है।

हालांकि सोरेन ने कहा है कि झारखंड में उनके गठबंधन की जीत लोकतंत्र की जीत है और यह राज्य में बीजेपी की ‘विभाजक नीतियों’ के खिलाफ जीत है।

उन्होंने कहा कि परिणामों ने दिखाया है कि राज्यों में स्थानीय मुद्दे लोगों की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और उनकी आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव विचारधाराओं के आधार पर लड़े जाते हैं।

सोरेन ने कहा है कि वो भूमिहीनों को जमीन देने के लिए भूमि अधिकार कानून पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से आधार को हटाने और पीडीएस वितरण को तर्कसंगत बनाना भी प्राथमिकता में शामिल होगी।

उन्होंने बेरोजगारी से निपटने, राज्य के लिए रोजगार रोडमैप तैयार करने, सिंचाई के लिए पानी और प्रत्येक घर को पीने योग्य पेयजल उपलब्ध कराने जैसे मुद्दे भी उनकी सरकार के शीर्ष एजेंडे में होंगे।