मॉब लिंचिंग का प्रयोगशाला बन चुका है झारखंड- अरशद मदनी

   

भारत में दिन प्रतिदिन मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है। मॉब लिंचिंग का सबसे अधिक शिकार इस देश के मुसलमान हो रहे हैं। इस बीच कई भारतीय धार्मिक दलों, संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसको तुरंत रोके जाने की मांग की है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, जमीअते ओलेमाए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि, भारत में जिस तरह अल्पसंख्यकों और दलितों पर सुनियोजित तरीक़े से हमले हो रहे हैं, यह भारतीय संविधान को चुनौती और इस देश की न्याय व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद मॉब लिंचिंग की घटनाएं नहीं रुक रहीं हैं। मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि झारखण्ड राज्य कट्टरपंथियों के लिए मॉब लिंचिंग की प्रयोगशाला बन चुका है।

उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात 1947 (बंटवारे) से भी ज़्यादा ख़राब और ख़तरनाक हो चुके हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई 2018 के आदेश में साफ कहा है कि कोई भी व्यक्ति क़ानून अपने हाथ में नही ले सकता, लेकिन इन सबके बावजूद भारत की मोदी सरकार ऐसी घटनाएं रोकने के लिए संसद में कड़े क़ानून नहीं बना पाई है और इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब तक लगभग 56 लोग मॉब लिंचिंग का शिकार हो चुके हैं।

इस बीच मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर भारत के कई राज्यों सहित सैकड़ों शहरों में ज़ोरदार प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार से मांग की है कि वह तीन तलाक़, हलाला और अन्य मुद्दों पर संसंद में क़ानून बनाने से पहले, मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ कड़े क़ानून बनाए। उत्तर प्रदेश के जौनपूर शहर में भी हज़ारों लोगों ने मॉब लिंचिंग के विरुद्ध ज़बरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया।

जौनपुर नगर की जामा मस्जिद और बड़ी मस्जिद पर जुमे की नमाज़ के बाद मरकज़ी सीरत कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हाजी अफ़ज़ाल अहमद के और मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी के नेतृत्व में हज़ारो लोगो ने मॉब लिंचिंग के विरोध में प्रदर्शन किया।

शिया धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त क़ानून बनना चहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नही हुआ तो लोगो के दिलो से क़ानून का भय समाप्त हो जाएगा। मौलाना सफ़दर हुसैन ने मोदी सरकार से मांग कि है कि वह संसद में मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ कड़ा क़ानून पारित करे, जिससे मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओ पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके।