पुलिस का दावा- ‘तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग नहीं हुई’

,

   

झारखंड में सरायकेला के धातकीडीह गांव में चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी नाम के युवक की पिटाई और बाद में उसकी मौत के मामले पर पुलिस ने एक फिर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि तबरेज की मौत को मॉब लिंचिंग (उन्मादी भीड़ की हिंसा) का मामला नहीं है।

सरायकेला के एसपी कार्तिक एस ने कहा है कि इस मामले में कई गलत वीडियो वायरल कर भी अफवाह फैलाते हुए माहौल बिगाडऩे की कोशिश हो रही है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है। तबरेज को पीटने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं अफवाह फैलाने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

ज्ञात हो कि इसके पहले सरायकेला के उपायुक्त भी सरकार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कह चुके हैं कि यह घटना मॉब लिंचिंग नहीं। सरायकेला के एसपी कार्तिक एस ने कहा कि धातकीडीह के लोगों ने बाइक चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी से मारपीट की थी।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, पुलिस ने तबरेज अंसारी की मेडिकल जांच कराई और रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। तीन दिन बाद जेल में उसकी तबीयत बिगड़ी और फिर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसलिए इसे भीड़ की पिटाई से मौत कहना गलत है।

एसपी ने कहा कि वीडियो फुटेज के माध्यम से अन्य आरोपितों की पहचान की जा रही है। जल्द ही सभी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। पिटाई करते समय धार्मिक नारा लगाने के लिए दबाव डालने वालों को भी ढूंढा जा रहा है।

सरायकेला के इंस्पेक्टर श्रीनिवास गुरुवार को हवाई मार्ग से वायरल वीडियो की तकनीकी जांच के लिए चंड़ीगढ़ सेंट्रल साइंटिफिक फॉरेंसिक लैब ले गए। इसकी रिपोर्ट लेकर ही इंस्पेक्टर को वापस आने का आदेश है।

तबरेज अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को मिल गई, लेकिन चिकित्सकों ने मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं किया है। अंदरूनी जख्म भी ऐसा नहीं मिला, जो उसकी मौत का कारण बने।

अब मौत का वास्तविक कारण जानने के लिए शुक्रवार को सरायकेला-खरसावां जिले के न्यायालय में पुलिस बिसरा जांच को अर्जी दाखिल करेंगी। आदेश के बाद बिसरा को रांची फॉरेंसिक विभाग को भेजा जाएगा। तबरेज अंसारी की मौत के बाद परिजनों का आरोप था कि उसकी मौत पिटाई से हुई है।

जेल के सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि 22 जून की सुबह उसने तबीयत खराब होने की शिकायत की, पानी भी मांगा, वहां पहले उसे गर्म पानी दिया गया लेकिन उसने ठंडे पानी की मांग की, इसके बाद उसे ठंडा पानी भी दिया गया।

तबरेज अंसारी के परिजन हत्या के आरोपितों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब तक मॉब लिंचिंग (उन्मादी भीड़ की हिंसा) के मामलों में यह धारा लगती रही है। तबरेज के चाचा मोहम्मद मशरूर आलम कहते हैं कि हम लोग बस यही चाहते हैं कि पुलिस निष्पक्ष जांच करे और इस कांड के पीछे जो लोग भी हैं, उन पर रासुका लगाकर कार्रवाई करे। साथ ही इस पूरे प्रकरण की सुनवाई हाई कोर्ट में हो। माता-पिता की मौत के बाद तबरेज का चाचा मशरूर ने ही लालन-पालन किया।

तबरेज के पिता की हत्या को मॉब लिंचिंग से जोड़ना ठीक नहीं
तबरेज के चाचा मो. मशरूर आलम कहते हैं कि कुछ मीडिया संस्थानों ने तबरेज के पिता की 12 साल पहले हुई हत्या को भी मॉब लिंचिंग से जोड़ दिया। यह उचित नहीं। तबरेज के पिता और उसके एक साथी की हत्या किसने की यह आज तक पता नहीं चला है। कोई आपसी दुश्मनी या कोई अन्य वजह भी हो सकती है।

गलत वीडियो वायरल कर माहौल बिगाडऩे की कोशिश : एसपी
तबरेज की मौत मामले में एसपी ने एक फिर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि तबरेज की मौत मॉब लिंचिंग का मामला नहीं है। इस मामले में कई गलत वीडियो वायरल कर अफवाह फैलाते हुए माहौल बिगाडऩे की कोशिश की जा रही है। पुलिस इस पर नजर रख रही है।

तबरेज को पीटने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं अफवाह फैलाने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसके पूर्व जिला उपायुक्त छवि रंजन भी सरकार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कह चुके हैं कि यह घटना मॉब लिंचिंग की नहीं।